भिवंडी पालिका क्षेत्र में अवैध निर्माणों का विस्फोट

नवनियुक्त सहायक आयुक्त सुरेन्द्र भोईर के सामने कड़ी चुनौती

भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर शहर महानगर पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत अवैध इमारतों का अंधाधुंध निर्माण अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। 37 निर्माणाधीन अवैध इमारतें शहर के भविष्य के लिए बम की तरह टिक-टिक कर रही है। इन इमारतों का निर्माण न केवल प्रशासनिक असफलता का प्रतीक है,बल्कि यह शहर के हजारों निवासियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। 

सुत्रों की माने तो एक गुप्त रिपोर्ट के तहत यह खुलासा हुआ है कि केवल प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत लगभग 37 अवैध इमारतें निर्माणाधीन है। एक अधिकारी ने नाम ना छापने के शर्त पर बताया कि इसकी रिपोर्ट अतिरिक्त आयुक्त के पास पहुँच गई है। किन्तु रिपोर्ट आने के दो घंटे पहले ही सहायक आयुक्त जगदीश जाधव रिटायरमेंट हो चुका था। इस संवेदनशील स्थिति में नवनियुक्त सहायक आयुक्त सुरेन्द्र भोईर के सामने चुनौती सिर्फ इन अवैध इमारतों को ध्वस्त करने की नहीं बल्कि भिवंडी-निजामपुर शहर महानगर पालिका के शहरी ढांचे को बचाने की है। शहर में पिछले कुछ वर्षों में जितनी तेजी से अवैध निर्माण बढ़े है उससे साफ है कि प्रशासन की पकड़ पूरी तरह से ढीली हो चुकी है। पूर्व सहायक आयुक्त जगदीश जाधव के कार्यकाल में तो अवैध इमारतों का ऐसा अंधाधुंध खेल चला कि मानो कानून का कोई अस्तित्व ही न हो। 

पालिका आयुक्त अजय वैद्य और शहर विकास विभाग के नियंत्रण अधिकारी सुदाम जाधव की असफलता इस तबाही की गवाह है। मुंबई उच्च न्यायालय के सख्त आदेश भी इन अवैध निर्माणों पर कोई अंकुश नहीं लगा सके। यह केवल प्रशासनिक लापरवाही का मामला नहीं है। यह शहर के नागरिकों के जीवन से खुला खिलवाड़ है। अब सवाल यह है कि क्या सुरेन्द्र भोईर इन निर्माणाधीन इमारतों को गिराने का साहस जुटा पाएंगे, या फिर यह अवैध निर्माण शहर के काले भविष्य की नींव बन जाएंगे ? यह एक ऐसी जंग है। जिसमें जीत केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि शहर के लोगों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की होगी। यदि भोईर इस खतरनाक चुनौती से निपटने में विफल होते हैं, तो भिवंडी शहर के बाशिंदों का भविष्य एक भयानक अनिश्चितता की गर्त में चला जाएगा। भोईर के कदम अब केवल कानूनी नहीं, बल्कि शहर की आत्मा को बचाने की लड़ाई का हिस्सा बन चुके हैं। यदि अब कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अवैध इमारतें कभी भी एक जानलेवा दुर्घटना का कारण बन सकती है।

रिपोर्टर

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