भिवंडी में आवारा कुत्तों का आतंक: प्रशासन की नाकामी से नागरिक परेशान

भिवंडी। भिवंडी शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों का‌ आतंक चरम पर है और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही ने हालात को और भी गंभीर बना दिया है। सड़कों और गलियों में कुत्तों के झुंड खुलेआम घूमते नजर आ रहे है। जिससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।पिछले कुछ महीनों में कई नागरिक कुत्तों के हमले का शिकार हो चुके हैं और दो मासूम बच्चों की जान भी चली गई। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई न होने से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

कुत्तों का झुंड कहां से आ रहा है‌ ? :

शहर के नागरिकों का कहना है कि भिवंडी में अचानक कुत्तों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो गई है जबकि स्थानीय गलियों में पिछले कई वर्षों से कुत्तों के पिल्ले दिखाई नहीं दिए हैं। लोगों का आरोप है कि ठाणे, कल्याण और मुंबई जैसे पड़ोसी शहरों से आवारा कुत्तों को पकड़कर रात के अंधेरे में भिवंडी के सुनसान इलाकों में छोड़ दिया जाता है। इस वजह से भिवंडी कुत्तों के डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो गया है और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

ढाबों और होटलों से मिल रहा भोजन :

भिवंडी में ढाबे, होटल, मटन और मछली की दुकानों की भरमार है। जिससे इन आवारा कुत्तों को आसानी से भोजन मिल रहा है।यही वजह है कि कुत्ते यहां जम गए हैं और उनका झुंड पूरे शहर में घूमता रहता है।नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही से यह समस्या और विकराल होती जा रही है।

प्रशासन की निष्क्रियता :

शांतिनगर के आजाद नगर इलाके में कुत्ते के हमले से एक बच्ची की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद पालिका प्रशासन ने कुछ कुत्तों को पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ा, लेकिन यह योजना कुछ ही दिनों तक चली। इसके बाद प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। महानगर पालिका के स्वास्थ्य और स्वच्छता विभाग प्रमुख फैसल तातली ने बताया कि कुत्तों की नसबंदी और पकड़ने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन अब तक इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है।

 नागरिकों में आक्रोश :

शहर के नागरिकों का कहना है कि प्रशासन कुत्तों की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। कुत्तों के हमले से घायल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कुत्तों की नसबंदी और पकड़ने की प्रक्रिया में हो रही देरी से नागरिकों में आक्रोश है।

जल्द समाधान की मांग ;

भिवंडी के नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि आवारा कुत्तों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। कुत्तों की नसबंदी टेंडर की प्रक्रिया को तेज किया जाए और उन्हें पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा जाए। यदि प्रशासन ने जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो नागरिक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। भिवंडी में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या और प्रशासन की निष्क्रियता से लोग परेशान हैं। नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि कुत्तों के हमले से और जान-माल का नुकसान न हो।

रिपोर्टर

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