भिवंडी में अवैध बांधकाम पर आयुक्त अजय वैद्य की निष्क्रियता: नागरिकों में रोष

भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर शहर महानगरपालिका के आयुक्त अजय वैद्य की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। शहर में अवैध बांधकाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, और नागरिकों का आरोप है कि आयुक्त वैद्य की निष्क्रियता और अनदेखी के चलते ये समस्या विकराल रूप ले रही है। नागरिक और सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि मनपा की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिससे शहर का बुनियादी ढांचा खतरे में पड़ गया है। शहर के नागरिकों की माने तो पांचों प्रभाग समिति में लगभग 150 अवैध निर्माणाधीन इमारतें हैं। इनमें स्लम बस्तियों के छोटे मकान, इमारतें व बहुमंजिली इमारतों तक का समावेश है। जिस पर प्रभाग अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उलटे बिल्डर व भूमाफियों की आवभगत की जाती है। 

शहर के कई प्रमुख इलाकों में अवैध बांधकामों का निर्माण जारी है और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस पर रोक लगाने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता देवानंद गौड़ का कहना है, "आयुक्त अजय वैद्य ने अपने कार्यकाल में अब तक किसी भी अवैध बांधकाम को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं की है। उनकी निष्क्रियता के कारण शहर में अवैध निर्माण कार्य बढ़ते जा रहे हैं।"

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आयुक्त अजय वैद्य पर राजनीतिक दबाव हो सकता है, जिससे वह अवैध बांधकाम पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, कुछ नागरिकों ने मनपा के कुछ अधिकारियों और अवैध निर्माणकर्ताओं के बीच मिलीभगत की भी आशंका जताई है। बहुजन विकास आघाडी भिवंडी शहर के महासचिव जावेद खान का कहना है, "हमने कई बार अवैध बांधकाम की शिकायत की, लेकिन आयुक्त कार्यालय अथवा सहायक आयुक्त कार्यालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ऐसा लगता है कि इस पूरी प्रणाली में भ्रष्टाचार फैला हुआ है।"

शहर में तेजी से बढ़ते अवैध बांधकाम पर्यावरण और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। कई निर्माण बिना किसी अनुमति या सुरक्षा मानकों के किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में इमारतों के ढहने जैसी घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है। शहर के नागरिकों का कहना है कि अगर समय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसका गंभीर परिणाम हो सकता है।

भिवंडी के नागरिकों का धैर्य अब टूटता हुआ नजर आ रहा है, और उन्होंने आयुक्त अजय वैद्य से अवैध बांधकामों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। यदि इस समस्या को जल्द नहीं सुलझाया गया, तो यह शहर के विकास और सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। आयुक्त की निष्क्रियता पर उठते सवाल अब उनके नेतृत्व पर भी सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं और देखना होगा कि वह इन आरोपों का किस तरह से सामना करते हैं।

रिपोर्टर

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