
भिवंडी प्रशासन की नाक के नीचे 150 अवैध इमारतों का निर्माण, शहर पर मंडरा रहा बड़ा हादसे का खतरा
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Oct 08, 2024
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भिवंडी, भिवंडी शहर बुनकरों और औद्योगिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन आज यह शहर अवैध इमारतों के खतरनाक जाल में फंसता जा रहा है। नगर पालिका क्षेत्र में लगभग 150 गगनचुंबी अवैध इमारतें निर्माणाधीन हैं, जो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इन इमारतों का निर्माण बिना किसी वैध दस्तावेज या सुरक्षा मापदंडों के किया जा रहा है और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है।
नियंत्रण अधिकारी खुद विवादों में :::
अवैध इमारतों पर लगाम लगाने के लिए नगर पालिका ने सुदाम जाधव को नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किया है लेकिन यह नियुक्ति ही सवालों के घेरे में है। जाधव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे है और एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया था। जीलानी बिल्डिंग हादसे के मुख्य आरोपी और जेल की सजा काट चुके जाधव की नियुक्ति ने शहरवासियों में गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। सवाल उठता है जब भ्रष्टाचार के आरोपी व्यक्ति को ही शहर की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है तो कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वह अवैध निर्माण पर अंकुश लगाएगा ?
संरक्षण के खेल में ऊंचे अधिकारी और नगरसेवक शामिल::::
सूत्रों की मानें तो इस खतरनाक खेल में नगर पालिका के बड़े अधिकारी और बेरोजगार हो चुके पूर्व नगरसेवक भी शामिल हैं। एक पूर्व बिल्डर ने खुलासा किया है कि अवैध इमारतों के निर्माण के लिए प्रति स्लैब मोटी रकम दी जाती है। यह राशि निचले स्तर से लेकर उच्चाधिकारियों तक पहुंचती है।जिसके कारण कोई कार्रवाई नहीं होती। यह खेल इतने संगठित तरीके से चल रहा है कि अधिकारियों और बिल्डरों के बीच भ्रष्टाचार की यह श्रृंखला तोड़ना असंभव सा लगता है।
शहर पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा :::
इन अवैध इमारतों की नींव में भ्रष्टाचार की ईंटें लगी हैं और इनमें सुरक्षा के कोई भी मापदंडों का पालन नहीं किया गया है। ऐसे में एक छोटी सी चूक भी भिवंडी के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है।शहरवासियों का मानना है कि अगर जल्द ही इन अवैध निर्माणों पर रोक नहीं लगाई गई, तो शहर में कोई भीषण हादसा होना तय है। जीलानी बिल्डिंग हादसे की त्रासदी को लोग अभी तक भूल नहीं पाए है और अब एक और ऐसी आपदा का खतरा मंडरा रहा है।
क्या प्रशासन जागेगा ?
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन अपनी आंखें खोलेगा या फिर इन अवैध इमारतों की छाया में शहर को बर्बादी की ओर जाने देगा ? भ्रष्टाचार और लापरवाही के इस खेल ने भिवंडी को एक समय बम के रूप में बदल दिया है जो कभी भी फट सकता है।शहरवासियों की जान खतरे में है और जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो भिवंडी में एक और त्रासदी से इंकार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है कि कब तक प्रशासन इन अवैध इमारतों के निर्माण पर चुप्पी साधे रखेगा और लोगों की जान को जोखिम में डालता रहेगा।
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