डाईंग साइजिंग फैक्ट्रियों के प्रदूषण से जनता त्रस्त प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मौन

भिवंडी मनपा पर्यावरण विभाग पर भष्ट्र अधिकारी का नियंत्रण


भिवंडी। महाराष्ट्र के भिवंडी शहर में डाईंग साइजिंग फैक्ट्रियों द्वारा फैलाए जा रहे भयानक प्रदूषण से जनता बुरी तरह परेशान है। ये फैक्ट्रियाँ दिन-रात जहरीले धुएं को वातावरण में छोड़ रही हैं, जिससे शहर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच चुका है। इसके कारण स्थानीय लोगों को सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इस गंभीर स्थिति के बावजूद, प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। फैक्ट्रियों पर कोई कड़ी निगरानी नहीं रखी जा रही है, जिससे हालात दिन-प्रतिदिन और भी बदतर होते जा रहे हैं। भिवंडी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोग इस प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं। हाल ही में, नगरपालिका प्रशासन ने दावा किया था कि भिवंडी में प्रदूषण कम हो रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। डाईंग साइजिंग फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले धुएं ने पूरे शहर को प्रदूषित कर दिया है। वही पर भिवंडी मनपा के वसूली एजेंट सुदाम जाधव को नियंत्रण अधिकारी बनाया गया है। जिसके कारण डाईंग साइजिंग फैक्ट्रियां बेलगाम हो चुकी है। सुत्रों की माने पालिका क्षेत्र में नियंत्रण अधिकारी सुदाम जाधव से सांठगाठ कर डाईंग साइजिंग फैक्ट्रियाम प्लास्टिक, कचरा व लकडा जलाकर स्टीम पैदा कर रही है। जिसके कारण भयानक स्तर पर धुंध व जहरीला धुंआ वातावरण में फैला रहता है। 

एडवोकेट किरण चन्ने, जो पिछले पांच से छह वर्षों से इस प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रदूषण नियंत्रण मंडल और राज्य सरकार के सामने शिकायतें और ज्ञापन सौंपे हैं हालांकि, कुछ कंपनियों को नोटिस जारी की गई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। चन्ने ने यह भी कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा, क्योंकि कंपनियों द्वारा अब तक कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। जनता का धैर्य टूट रहा है और प्रदूषण से हो रहे इस खतरे के खिलाफ अब आवाज बुलंद करने का समय आ गया है।

रिपोर्टर

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