भिवंडी में पालिका आयुक्त पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

शिवसेना (उद्धव गुट) ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

भिवंडी। भिवंडी नि.शहर महानगर पालिका के आयुक्त अजय वैद्य पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) ने राज्य के मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से उनकी गहन जांच की मांग की है। शिवसेना पार्टी के भिवंडी पूर्व विभाग सचिव गोकुल कदम ने एक शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि वैद्य की नियुक्ति में अनियमितताएं हुई हैं और उनके कार्यकाल में मनपा प्रशासन में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है।

अवैध नियुक्ति और भ्रष्टाचार के आरोप : 

कदम के अनुसार, जुलाई 2023 में अजय वैद्य की भिवंडी-निजामपुर शहर महानगर पालिका में आयुक्त पद पर नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई थी। कदम ने दावा किया कि इस नियुक्ति के लिए 16 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी,जिसके चलते प्रशासन द्वारा आयुक्त के खिलाफ बार-बार की गई शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।

वसूली रैकेट का पर्दाफाश :

शिकायत में आरोप है कि अजय वैद्य विभिन्न विभागों से प्रति माह 50 हजार रुपये की अवैध वसूली करवा रहे हैं। इसके अलावा, अवैध निर्माणों से प्रति स्लैब एक से दो लाख रुपये की रिश्वत ली जा रही है। कदम ने दावा किया कि वैद्य के एजेंट, अरुण भानूशाली, सुदाम जाधव और शिशुपाल राठौड़ इस वसूली के प्रमुख संचालक हैं, जो अवैध निर्माणों पर कार्रवाई ना करने और नए घर नंबर देने के लिए घूस मांगते हैं।

मोबाइल फोन की तकनीकी जांच की मांग :

गोकुल कदम ने आरोप लगाया कि यह वसूली रैकेट मोबाइल ऐप्स, व्हाट्सएप कॉल और फेसटाइम के जरिए संचालित हो रहा है। उन्होंने अजय वैद्य और उनके एजेंटों के मोबाइल फोन की तकनीकी जांच कराने की मांग की है, ताकि इस भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके। कदम का मानना है कि इस जांच से बड़े पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।

फरवरी में हुई थी रिश्वत का खुलासा: 

शिकायत में इस बात का भी उल्लेख है कि 2 जनवरी 2024 में नवी मुंबई के लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग ने सुदाम जाधव को 1.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले में आयुक्त अजय वैद्य की फोन रिकॉर्डिंग भी भ्रष्टाचार के प्रमाण के रूप में सामने आई थी, लेकिन बाद में इस प्रकरण को ठाणे स्थानांतरित कर दिया गया।

पालिका कर्मचारियों में हड़कंप :

सोशल मीडिया पर इस शिकायत पत्र के वायरल होने के बाद पालिका कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। कदम का दावा है कि अगर आयुक्त और उनके सहयोगियों की जांच ठीक से की गई, तो मनपा में भ्रष्टाचार का बड़ा रैकेट उजागर होगा। भ्रष्टाचार के इस मामले ने पूरे भिवंडी में सनसनी फैला दी है, और अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।

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