
भिवंडी महानगर पालिका: भ्रष्टाचार का काला साम्राज्य
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Oct 13, 2024
- 506 views
शहर को विनाश की कगार पर पहुंचाने की साजिश !
रिचार्ज पर हो रहा है खेला ?
भिवंडी। भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका में जो खेल चल रहा है,वह किसी आतंक से कम नहीं। ये सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं है बल्कि शहर को बर्बादी की तरफ धकेलने वाली साजिश है। यहां के अधिकारी अब जनता के सेवक नहीं, बल्कि माफिया बन चुके है।नौकरी का मकसद सेवा नहीं,बल्कि धंधा बन चुका है। बोली लगाकर पद खरीदे जा रहे है और जो जितना भ्रष्ट, उसे उतना बड़ा ओहदा मिल रहा है। ये लोग शहर के भविष्य को तबाह करने की पूरी तैयारी में है। लापरवाही व भष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तार सुदाम जाधव इसका जीता जागता सबूत है।
लाखों में बिक रहे पद,सिस्टम हुआ धराशायी ::::::
यहां अधिकारी बनने का मतलब है कि आप अपने पद की बोली लगाएंगे और जितनी बड़ी बोली, उतना बड़ा पद। प्रभाग अधिकारी बनने के लिए तीन से पांच लाख रुपये की बोली लगती है। विभाग प्रमुख बनने के लिए बड़ी रकम चुकानी पड़ती है लेकिन, सिर्फ पद खरीदने से बात खत्म नहीं होती। पद पर बने रहने के लिए हर महीने 'रिचार्ज' करवाना पड़ता है—यानि रिश्वत। यह व्यवस्था पालिका के हर कोने में अपनी जड़ें जमा चुकी है। कुछ अधिकारी अब कर्मचारियों की बदली करवाने के लिए ठेका लेना शुरू कर दिया है।
शहर विकास व टैक्स विभाग बना अवैध वसूली का अड्डा ::
शहर विकास और टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार इस हद तक पहुंच गया है कि यहां काम करने वाले कर्मचारी अब पालिका के टैक्स की जगह अपनी जेब भरने में लगे हैं। टैक्स विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सीधे-सीधे जनता से 'प्राइवेट टैक्स' वसूल रहे है। चाहे संपत्ति का एसेसमेंट हो या मकान नंबर का बदलाव, सबकुछ घूसखोरी के दम पर चलता है। एंटी करप्शन विभाग की छापेमारी में कई अधिकारी रंगे हाथ पकड़े गए है,लेकिन फिर भी कार्रवाई नदारद है।
अवैध इमारतें: मौत के जाल में फंसा शहर:::
शहर में अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है.प्रशासक राज में 385 से ज्यादा अवैध इमारतें खड़ी हो चुकी है और इनका निर्माण करने वालों से पालिका के अधिकारी 'गुंडा टैक्स' वसूल रहे हैं। ये इमारतें किसी भी समय ढह सकती है और एक के बाद एक हादसे का इंतजार किया जा रहा है। जीलानी बिल्डिंग जैसा हादसा फिर से हो सकता है.लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। हर अवैध इमारत के पीछे लाखों की घूस है और ये अधिकारी लोगों की जान की कीमत पर अपनी जेब भर रहे है।
डाइंग साइजिंग कंपनियों से हो रही उगाही::
पालिका के आरोग्य और स्वच्छता विभाग का भ्रष्टाचार शहर में जहर घोल रहा है।डाइंग साइजिंग कंपनियां जो पहले से ही शहर की हवा और पानी को दूषित कर रही है अब रिश्वत देकर खुलेआम अपने अवैध काम कर रही है। अगर कोई कंपनी रिश्वत देने से मना कर दे, तो उनके पानी के कनेक्शन काट दिए जाते है या फिर पानी चोरी के झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है। पिछले एक साल में 40 से ज्यादा ऐसे केस दर्ज किए गए है जो इस गहरी साजिश का हिस्सा हैं।
ठेकेदारी में बड़े घोटाले, जनता के पैसे की लूट :::
पालिका के ठेकेदार और अधिकारी मिलकर ठेकेदारी प्रक्रिया को एक गहरे भ्रष्टाचार में तब्दील कर चुके है। कम बोली में ठेके देकर अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है जबकि दूसरे ठेकेदार तीन गुना ज्यादा देने के लिए तैयार होते है। कल्याण रोड पर अशोका होटल का उदाहरण साफ तौर पर दिखाता है कि कैसे पालिका के अधिकारी जनता के पैसे की खुलकर लूट कर रहे है।
शहर के ऊपर मंडरा रहा खतरा:::
भिवंडी का यह भ्रष्टाचार अब एक बड़ा संकट बन चुका है। अवैध इमारतें,खराब निर्माण और ठेकेदारी में घोटाले शहर के विनाश की कहानी लिख रहे है। अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई,तो ये भ्रष्टाचारी तंत्र पूरे शहर को तबाह कर देगा। सवाल यह है कि क्या प्रशासन की आंखें कभी खुलेंगी, या फिर शहर का भविष्य इन भ्रष्ट माफियाओं के हाथों बर्बाद हो जाएगा ?
समाप्ति नहीं, तबाही की शुरुआत ! ::::
यह भ्रष्टाचार कोई सामान्य घटना नहीं है.बल्कि यह भिवंडी के लिए खतरे की घंटी है। अगर इसे तुरंत रोका नहीं गया तो यह शहर का अंत कर देगा। जनता का पैसा लूटने वाले ये अधिकारी और ठेकेदार इस शहर को ध्वस्त करने के एजेंडे पर है। क्या सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग इस पर अंकुश लगाएंगे या फिर भिवंडी को बर्बादी की आग में झोंक दिया जाएगा ? यह समय चेतने का है वरना आने वाले दिनों में शहर की सड़कों पर मलबे और शवों के ढेर देखने को मिल सकते है।
रिपोर्टर