भिवंडी पूर्व विधानसभा क्षेत्र: शिवसेना (उद्धव गुट) कार्यकर्ताओं का अल्टीमेटम !

रूपेश म्हात्रे को टिकट न मिला तो महाविकास आघाड़ी का नहीं करेंगे समर्थन होगा सामुहिक इस्तीफा

भिवंडी। भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। क्योंकि शिवसेना (उद्धव गुट) के कार्यकर्ताओं ने इस सीट पर अपनी परंपरागत दावेदारी करते हुए पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है। शनिवार को अजय नगर स्थित शिवसेना के मध्यवर्ती कार्यालय में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एकमत होकर यह प्रस्ताव पारित किया कि अगर पार्टी ने उनकी मांग को नजरअंदाज किया तो वे सभी सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा देंगे और महाविकास आघाड़ी का समर्थन बंद कर देंगे।

रूपेश म्हात्रे की राजनीतिक यात्रा और जनसमर्थन :::::

रूपेश म्हात्रे, जो शिवसेना के लोकप्रिय चेहरा हैं, ने 2009 के उपचुनाव में पहली बार भिवंडी पूर्व से जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार फरहान आजमी को कड़ी टक्कर देते हुए 35,376 वोट हासिल किए थे.जबकि फरहान को 33,700 वोट मिले थे। इसके बाद 2014 के चुनाव में भी म्हात्रे ने शानदार प्रदर्शन किया और 33,541 वोट पाकर बीजेपी और सपा के उम्मीदवारों को शिकस्त दी।

हालांकि, 2019 के चुनाव में उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।समाजवादी पार्टी के आयात उम्मीदवार रईस शेख ने 45,537 वोट (35.23%) प्राप्त किए, जबकि रूपेश म्हात्रे को 44,223 वोट (34.21%) मिले थे। बावजूद इसके, भिवंडी के लोगों के दिलों में उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। पिछले पांच वर्षों में भले ही वे विधायक नहीं रहे हों लेकिन जनता के बीच उनकी पकड़ अब भी मजबूत है और स्थानीय जनता उनको ही विधायक मानती रही। कार्यकर्ताओं का मानना है कि भिवंडी पूर्व के लोग उन्हें एक बार फिर से विधायक के रूप में देखना चाहते हैं।

कार्यकर्ताओं की एकजुटता और आक्रामक रुख ::::::

बैठक में कार्यकर्ताओं का स्पष्ट संदेश था कि भिवंडी पूर्व सीट शिवसेना की पारंपरिक सीट रही है और रूपेश म्हात्रे पार्टी के सबसे योग्य उम्मीदवार है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर पार्टी ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफा देंगे और महाविकास आघाड़ी का समर्थन भी नहीं करेंगे। यह शिवसेना (उद्धव गुट) के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि भिवंडी पूर्व में म्हात्रे की लोकप्रियता और कार्यकर्ताओं की एकजुटता को नजरअंदाज करना मुश्किल है।

चुनावी समीकरण और भविष्य की उम्मीदें:::

इस बार के चुनाव में भी 2019 के चुनावी समीकरणों के दोहराए जाने की संभावना है। लेकिन कार्यकर्ताओं का विश्वास है कि रूपेश म्हात्रे एक बार फिर से इस सीट पर विजय पताका फहराएंगे। उनके समर्थकों का मानना है कि भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट पर इस बार शिवसेना के परचम को कोई रोक नहीं पाएगा। बशर्ते पार्टी नेतृत्व कार्यकर्ताओं की मांग पर गौर करे। भविष्य की राजनीति और चुनावी रणनीति पर यह निर्णय बड़ा प्रभाव डाल सकता है और अब यह देखना होगा कि शिवसेना (उद्धव गुट) इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कैसे करती है।

रिपोर्टर

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