137 भिवंडी पूर्व विधानसभा: रूपेश म्हात्रे का अपक्ष नामांकन, चुनावी समीकरणों में हलचल

भिवंडी। भिवंडी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव गुट) के पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे ने इस बार अपक्ष प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर राजनीतिक समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है। लंबे समय से शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में म्हात्रे का अपक्ष रूप में मैदान में उतरना कई विरोधी दलों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

म्हात्रे ने पिछले 10 वर्षों में भिवंडी पूर्व में कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों को अंजाम दिया, जिसे लेकर जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ बनी रही है। हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के रईस कासिम शेख से मामूली अंतर से हारने के बावजूद, इस बार उनके समर्थक उन्हें विजयी मानकर चल रहे हैं और तीसरी बार विधायक बनने का दावा कर रहे हैं। इस बीच, महाविकास आघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक स्पष्टता नहीं है, हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश सिंह यादव ने रईस कासिम शेख को भिवंडी पूर्व से उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन महाविकास आघाड़ी के अंदरूनी समीकरणों के चलते स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है।

म्हात्रे के अपक्ष पर्चा दाखिल करने से जहां महाविकास आघाड़ी के भीतर उथल-पुथल मची है, वहीं महायुति के खेमे में भी इस सीट को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच उम्मीदवारों को लेकर खींचतान जारी है। इस बीच,शिवसेना (शिंदे गुट) के सुभाष माने और भाजपा के सुमित पाटिल के नाम संभावित उम्मीदवारों के रूप में चर्चा में है।भिवंडी पूर्व में इस बार चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक और अप्रत्याशित मोड़ लेने की ओर बढ़ रहा है, जहां शिवसेना का गढ़ और पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे की लोकप्रियता मुख्य फोकस बनी हुई है।

रिपोर्टर

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