
भिवंडी महानगरपालिका में भ्रष्टाचार का खुलासा
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Oct 26, 2024
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जर्जर इमारतों को गिराने में लाखों का घोटाला, उच्च स्तरीय जांच की मांग। जिम्मेदार कौन ?
शहर विकास विभाग भंगार माफिया पर मेहरबान
भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर शहर महानगरपालिका भिवंडी में जर्जर और खतरनाक इमारतों को गिराने के ठेकों में भारी भ्रष्टाचार और लाखों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में पालिका के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से राजस्व में हो रही लूट ने शहर में आक्रोश फैला दिया है। शहर के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
भ्रष्टाचार का जाल: अशोका होटल इमारत मामला :::
भिवंडी पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक दो के तहत अशोक नगर स्थित अशोका होटल की तीन मंजिला इमारत, घर क्रमांक 456/0 को जर्जर घोषित कर मकान मालिक कौलचंद्र हस्तीमल जोगाणी को इसे अपने खर्च पर गिराने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इस इमारत में दो बैंकों की शाखाएँ होने के कारण बैंक अधिकारियों ने इमारत खाली कराने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगी थी। मगर सूत्रों के अनुसार, इस इमारत की जमीन एक बड़े बिल्डर ने खरीद ली है। जिसने अपनी योजना को अमल में लाने के लिए पालिका के शहर विकास विभाग के एक भ्रष्ट अधिकारी को मोटी रकम देकर इमारत खाली कराने का आदेश जल्दबाजी में जारी करवाया और लाखों रूपये की सुपारी दी।
ठेके में अनियमितता: ठेकेदार ने नहीं किया राजस्व का भुगतान ::::
पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक -2 के प्रभारी सहायक आयुक्त माणिक जाधव ने इस इमारत का कम भाव में मूल्यांकन कर इसे तोड़ने का ठेका भंगार व्यवसायी मे.सहारा ट्रेडर्स के मालिक इंसान अहमद खुशरजा खान को 4,14,000 रुपये में सौंप दिया। आदेश में शर्त थी कि ठेकेदार को ठेके का काम शुरू करने से पहले 52% राशि यानी 2,15,280 रुपये पालिका के खजाने में जमा करनी होगी। लेकिन आरोप है कि ठेकेदार ने इस शर्त की अनदेखी करते हुए इमारत का सारा सामान निकालकर बेच दिया और पालिका को निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया।
पालिका अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप :::::::
सूत्रों के मुताबिक, इंसान खान ने अब तक शहर की 25 से 30 जर्जर इमारतों को गिराया है लेकिन केवल चार इमारतों का ही अग्रिम भुगतान किया है। इस मामले पर प्रकाश डालते हुए एक अन्य ठेकेदार ने दावा किया कि शहर विकास विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर जर्जर इमारतों का कम मूल्यांकन कर ठेकेदार से मोटी रिश्वत वसूली। इस ठेकेदार ने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल संगठित तरीके से चलता है, जिसमें पालिका के अधिकारी भी भागीदार हैं।
पुरानी देनदारियां, फिर भी ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं ::::
पालिका सूत्रों के अनुसार, इंसान खान से पहले के ठेकेदारों पर भी पालिका के करीब 13 लाख रुपये बकाया है। इसके बावजूद न तो इन ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई की गई और न ही बकाया राशि वसूली गई.नागरिकों का आरोप है कि पालिका का शहर विकास विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त है और यह सब एक संगठित अपराध की तरह संचालित हो रहा है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग :::
शहर के दक्ष नागरिकों ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार से न केवल शहर का राजस्व प्रभावित हो रहा है बल्कि जनता का विश्वास भी प्रशासन से उठ रहा है। यदि शीघ्र ही इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो यह भ्रष्टाचार का खेल और बढ़ता जाएगा, जिससे शहर का विकास और सुशासन प्रभावित हो सकता है। एक जागरूक नागरिक ने कहा, "पालिका का यह भ्रष्टाचार गंभीर चिंता का विषय है। हम चाहते हैं कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में इस तरह के घोटाले न हों।"
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