
भिवंडी पश्चिम में सियासी भूचाल
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 06, 2024
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बाल्या मामा ने सपा को दिया बड़ा सहारा
महाविकास आघाड़ी में उथल-पुथल
भिवंडी। महेन्द्र भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर चुनावी माहौल में अचानक गरमाहट आ गई है। मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम तब सामने आया, जब राकांपा (शरद पवार गुट) के लोकप्रिय सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार रियाज आज़मी के समर्थन में खुलकर मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया। दीवान शाह स्थित सपा कार्यालय का उद्घाटन करते हुए बाल्या मामा ने कहा, "मैं यहां किसी को हराने नहीं, बल्कि रियाज आज़मी को जिताने आया हूं। उनकी जीत 23 नवंबर को तय है।"
इस अप्रत्याशित समर्थन से महाविकास आघाड़ी के खेमे में हलचल मच गई है। कांग्रेस पहले ही भीतरघात और बगावत का सामना कर रही थी। पार्टी के घोषित उम्मीदवार दयानंद चोरघे के खिलाफ खुद उनके ही खेमे के कई नेता मैदान में उतर चुके हैं। स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ता दयानंद चोरघे को बाहरी उम्मीदवार मानते हुए उनका विरोध कर रहे हैं। इस विरोध का असर यह हुआ कि कांग्रेस के बागी नेता विलास आर. पाटिल और आस्मां जव्वाद चिखलेकर ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर चुनावी टक्कर देने का ऐलान कर दिया है।
सपा ने इस बार महाविकास आघाड़ी से गठबंधन तोड़ते हुए "लोकप्रिय नेता" रियाज आज़मी को टिकट दिया है। बाल्या मामा का समर्थन मिलने के बाद सपा खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। सपा समर्थकों का मानना है कि बाल्या मामा के आने से रियाज आज़मी की जीत की राह और मजबूत हो गई है।
दूसरी ओर, महाविकास आघाड़ी उम्मीदवार दयानंद चोरघे के लिए यह बड़ा झटका साबित हो रहा है। पहले से ही कांग्रेस की गुटबाजी और अब बाल्या मामा का सपा के पक्ष में आना उनकी स्थिति को और कमजोर कर रहा है। स्थानीय कांग्रेसी नेता, जो पहले से ही असंतोष में थे, अब चोरघे के समर्थन में पीछे हटते दिख रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस इन बिखरे हुए समीकरणों को संभालने में सफल हो पाएगी, या फिर सपा इस बार चुनावी मैदान में बड़ा धमाका करेगी। भिवंडी पश्चिम में सियासी खेल अब पूरी तरह बदल चुका है, और हर कोई 23 नवंबर के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
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