प्रतिबंधित प्लास्टिक बिक्री पर प्रशासन की ढिलाई

रिश्वतखोरी के आरोपों से आयुक्त की साख पर सवाल

भिवंडी। भिवंडी नि. शहर महानगर पालिका क्षेत्र में प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियों का धड़ल्ले से इस्तेमाल और बिक्री जारी है। शासन द्वारा प्लास्टिक पर पूर्णतया प्रतिबंध होने के बावजूद बाजारों में खुलेआम थोक विक्रेताओं और दुकानदारों द्वारा प्लास्टिक का वितरण किया जा रहा है। यह सब तब हो रहा है जब प्रशासन ने विशेष रूप से कार्रवाई के लिए दो टीमें गठित की है लेकिन भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के आरोपों के चलते इन टीमों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे है।

रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरी हैं टीम ::::

पालिका आयुक्त ने प्रतिबंधित प्लास्टिक विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए एक निजी ठेकेदार की नियुक्ति की है और पर्यावरण विभाग के नेतृत्व में एक दूसरी टीम भी बनाई गई है। दोनों टीमों का उद्देश्य प्लास्टिक के अवैध व्यापार पर नियंत्रण पाना था। लेकिन प्राइवेट कर्मचारियों से लैस इन टीमों पर अब रिश्वत लेकर ढील देने का आरोप लग रहा है। सूत्रों की मानें, तो ये टीमें दुकानदारों से प्लास्टिक जब्ती के बदले मोटी वसूली कर रही है,जिससे प्लास्टिक का व्यापार बदस्तूर जारी है।

छापेमारी में दिखावा, रिश्वत के बाद खुली छूट :::::

सूत्र बताते हैं कि शहर में लगभग दो दर्जन से अधिक थोक विक्रेता की दुकानें हैं। हाल ही में तीनबर्ती क्षेत्र में एक दुकान पर दोनों टीमों ने छापेमारी की, लेकिन केवल दो बोरियां प्लास्टिक जब्त कर बाकी सामान छोड़ दिया गया पर्यावरण विभाग के अधिकारी अनिल आव्हाड ने पांच हजार का आर्थिक दंड वसूलने की बात कही। परंतु दोनों टीमों ने जुर्माने की अलग-अलग रकम बताई। अगले ही दिन उसी दुकान पर प्लास्टिक की बिक्री दोबारा चालू पाई गई, जिससे टीमों की निष्पक्षता पर संदेह गहराता है।

आयुक्त की साख पर सवाल ::::::

इस स्थिति ने आयुक्त अजय वैद्य की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए है।प्रशासन की ओर से जारी ढिलाई और अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी की खबरों ने आयुक्त की छवि को धूमिल कर दिया है।क्या भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से आयुक्त वैद्य की साख खतरे में है ? या फिर यह सिर्फ एक दिखावा मात्र है जिससे प्लास्टिक बिक्री का अवैध व्यापार फल-फूल रहा है ?

सरकारी सख्ती बनाम भ्रष्टाचार: कौन होगा जवाबदेह ? ::::

भिवंडी में जारी इस अवैध प्लास्टिक व्यापार पर कब तक रोक लगेगी और प्रशासन कब इस गंभीर मुद्दे को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाएगा, यह देखने योग्य होगा।

रिपोर्टर

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