
भिवंडी का रेड लाइट एरिया बना एचआईवी का 'हॉटस्पॉट'
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 25, 2024
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** 8,000 से अधिक एचआईवी संक्रमित मरीज
**4,000 मरीजों का नियमित इलाज जारी, बाकी छोड़ चुके है शहर
*** सरकारी जनजागरूकता की कमी से हालात गंभीर
** हर महीने 30 से अधिक संक्रमित मरीज
भिवंडी। देश की प्रमुख औद्योगिक और यंत्रमाग नगरी भिवंडी इन दिनों एक नई और चिंताजनक समस्या से जूझ रही है। यहां एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। सरकारी संस्थानों द्वारा एचआईवी के प्रति जनजागरूकता की कमी के कारण हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे है। भिवंडी में देश के अलग-अलग कोनों से आए मज़दूर और कामगार बड़ी संख्या में बसते है। अपने परिवार से दूर रहने वाले ये मज़दूर अक्सर अपनी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हनुमान टेकड़ी इलाके के "रेड लाइट एरिया" का रुख करते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस क्षेत्र में देह व्यापार में लिप्त 90% से अधिक महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव है। यह खुलासा उन महिलाओं के साथ काम करने वाली डॉ. स्वाति सिंह ने किया है।
डॉ.सिंह ने बताया कि कई बार बीमार और शारीरिक रूप से कमजोर महिलाओं को जबरदस्ती देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। वहीं, सरकारी एचआईवी नियंत्रण संस्थाओं की इस क्षेत्र में लगातार अनदेखी से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। भिवंडी के एआरटी सेंटर के अनुसार, शहर में 20 से 22 वर्ष के युवाओं और 60 से 65 वर्ष के बुजुर्गों के बीच एचआईवी के सबसे अधिक मामले दर्ज हो रहे है। हर महीने यहां 30 से अधिक नए एचआईवी मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे है। भिवंडी में फिलहाल 8,000 से अधिक एचआईवी संक्रमित मरीज है। जिनमें से 4,000 का नियमित इलाज चल रहा है, जबकि बाकी या तो परदेशी है, शहर छोड़ चुके हैं, या उनकी मृत्यु हो चुकी है। हनुमान टेकड़ी का रेड लाइट एरिया एचआईवी संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुका है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप और जागरूकता अभियानों की सख्त जरूरत है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भिवंडी में यह समस्या विकराल रूप ले सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एचआईवी नियंत्रण और जागरूकता के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे।
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