भिवंडी महापालिका मुख्यालय के बाहर अवैध पार्किंग का अड्डा

यातायात पुलिस और प्रशासन की चुप्पी

भिवंडी। भिवंडी निज़ामपुर शहर महापालिका मुख्यालय के सामने अवैध वाहन पार्किंग ने प्रशासन और यातायात पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया है। करोड़ों रुपये खर्च कर तैयार की गई इस हाइटेक इमारत के बाहर स्कूल बसें, निजी गाड़ियां और भंगार वाहन खुलेआम खड़े है। जिससे न सिर्फ यातायात में भारी अड़चनें पैदा हो रही हैं, बल्कि मुख्यालय की सुरक्षा भी खतरे में है। यातायात पुलिस, जो सड़कों पर छोटी-छोटी गाड़ियों को उठाने में कोई देरी नहीं करती, यहां पूरी तरह मूकदर्शक बनी हुई है। मुख्यालय के गेट और फुटपाथ पर रोजाना दर्जनों गाड़ियां खड़ी रहती हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई के नाम पर शून्य है। वहीं, अतिक्रमण हटाने का दावा करने वाली महापालिका खुद अपने घर के बाहर फैले इस अराजकता पर आंखें मूंदे हुए है।

नागरिकों का कहना है कि जब यातायात पुलिस छोटे व्यापारियों और दोपहिया वाहनों पर सख्ती दिखाती है, तो मुख्यालय के बाहर बेतरतीब खड़ी इन गाड़ियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती ? क्या यह लापरवाही किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है ?. महापालिका सूत्रों के अनुसार, इमारत की सुरक्षा पर हर महीने लाखों रुपये खर्च किए जाते है, लेकिन अवैध पार्किंग ने इस पूरे क्षेत्र को असुरक्षित बना दिया है। बड़ी गाड़ियों की मौजूदगी और बेतरतीब खड़ी बसों से सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो गई है। किसी आपातकालीन स्थिति में यह पार्किंग बाधा बन सकती है।

फोरम फॉर जस्टिस के सचिव कैलास कर्णकार ने महापालिका आयुक्त अजय वैद्य को लिखित शिकायत देकर अवैध वाहन पार्किंग पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा गार्ड्स को नियमित रूप से इमारत का राउंड लगाकर इन गाड़ियों को हटाना चाहिए।

यह मामला न सिर्फ प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करता है, बल्कि यातायात पुलिस की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े करता है। क्या महापालिका और यातायात पुलिस इस अवैध पार्किंग पर सख्त कार्रवाई करेंगे, या फिर यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा.भिवंडी के नागरिक अब उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाए और शहर को इस अराजकता से मुक्त करे। लेकिन सवाल यह है कि कब ?

रिपोर्टर

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