536 अवैध इमारतों पर चलेगा बुलडोजर या प्रशासन का नया खेला ?

परमेश्वर संपतराव अंभोरे ने दायर की है शिकायत

भिवंडी। भिवंडी पालिका के परिसीमा में अवैध निर्माण का जाल इतना फैला हुआ है कि अब इसे "माफिया-प्रशासन गठजोड़" का नतीजा कहा जा रहा है। अशोक नगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता परमेश्वर संपतराव अंभोरे ने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए राज्य के मानवाधिकार आयोग और अतिरिक्त मुख्य सचिव को शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने भिवंडी-निजामपुर नगर निगम क्षेत्र में तेजी से बन रहीं गगनचुंबी अवैध इमारतों को "प्रशासन की मिलीभगत" और "अवैध वसूली का खेल" करार दिया है। अंभोरे ने अपने शिकायत पत्र में दावा किया है कि पिछले कुछ वर्षों में पालिका क्षेत्र में 385 से अधिक अवैध इमारतें खड़ी हो चुकी हैं। उन्होंने विस्तार से बताया कि प्रभाग समिति क्रमांक 1 में 72 इमारतें, प्रभाग समिति क्रमांक 2 में 41 इमारतें,प्रभाग समिति क्रमांक 3मे 87 इमारतें,प्रभाग समिति क्रमांक 4 मे 106 इमारतें और प्रभाग समिति क्रमांक 5 में 79 इमारतें मात्र कुछ वर्षों में बनकर तैयार हो चुकी है। इसके अलावा, बीते एक साल में ही 150 से अधिक नई अवैध इमारतों का निर्माण हुआ है। उन्होंने निगम आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, नियंत्रण अधिकारी सहायक आयुक्त और बिट निरीक्षक पर कार्रवाई में देरी और संरक्षण देने के आरोप लगाए है।

हाल ही में प्रभाग समिति क्रमांक 3 के कणेरी, शास्त्री नगर में निर्माणाधीन अवैध इमारत से गिरी टाली की चपेट में आने से एक फेरीवाले, अकबर सैय्यद की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने सुमोटो कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को आड़े हाथ लिया था।

भिवंडी नगर निगम  आयुक्त अजय वैद्य ने अवैध निर्माणों के खिलाफ तीन महीने के भीतर कार्रवाई का वादा किया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को अवैध इमारतों की जांच कर रिपोर्ट सात दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.आयुक्त ने चेतावनी दी कि जानबूझकर देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। हालांकि, शहर के नागरिकों ने सवाल उठाए हैं कि क्या यह "नया खेला" अवैध इमारतों के संरक्षण के बहाने अधिक वसूली का तरीका है ?.नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि निगम के अधिकारी और प्रभाग अधिकारी वर्षों से अवैध निर्माणों का संरक्षण कर करोड़ों की अवैध कमाई कर रहे हैं। अब यह खेल इतना बड़ा हो चुका है कि अधिकारी अपने क्षेत्र के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी संरक्षण की "सुपारी" लेने लगे है।परमेश्वर अंभोरे द्वारा 536 अवैध इमारतों पर कार्रवाई की मांग की गई है, लेकिन नागरिक इसे "नाटक" करार दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन सच में ईमानदार है तो सभी अवैध निर्माणों पर तुरंत बुलडोजर चलना चाहिए। क्या भिवंडी की अवैध इमारतों पर प्रशासन की "हथौड़ा नीति" चलेगी या यह सिर्फ एक और दिखावा होगा? यह सवाल अब हर जागरूक नागरिक के मन में है।

रिपोर्टर

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