खेल के मैदान पर मीना बाजार !?

परशुराम टावरे स्टेडियम के अस्तित्व पर मंडराया संकट।

खेल के नाम पर छलावा या भष्ट्राचार का खेला ?

खेल प्रेमियों के सपनों पर " मीना बाजार" की चोट !

टावरे स्टेडियम खेल के लिए या बाजार के लिए ?

भिवंडी। शहर के मध्य में स्थित स्व.परशुराम धोंडू टावरे स्टेडियम, जो खिलाड़ियों की मेहनत और खेल गतिविधियों का केंद्र है, अब एक बार फिर व्यावसायिक आयोजन का शिकार बनने जा रहा है। नगरपालिका प्रशासन ने इस स्टेडियम में 5 दिन के लिए "मीना बाजार" लगाने की अनुमति दे दी है। यह वही मैदान है जिसे पूर्व विधायक स्व.परशुराम टावरे की स्मृति में खेल गतिविधियों के लिए विकसित किया गया था। इस फैसले से खेल प्रेमियों और स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि पहले ही यह मैदान खिलाड़ियों की बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है। अब मीना बाजार के आयोजन से न केवल खिलाड़ियों की प्रैक्टिस बाधित होगी, बल्कि मैदान की हालत भी बद से बदतर हो जाएगी। मीना बाजार के आयोजन में झूले, खाने-पीने की स्टॉल और अन्य अस्थायी दुकानें लगाई जाएंगी। नागरिकों का कहना है कि इससे मैदान की सतह खराब हो जाएगी और भविष्य में इसे खेल के लायक बनाए रखना मुश्किल होगा। "यह स्टेडियम खिलाड़ियों के अभ्यास और मैच के लिए है, न कि व्यावसायिक आयोजनों के लिए। प्रशासन खिलाड़ियों की मेहनत पर पानी फेर रहा है," एक स्थानीय खेल प्रेमी ने नाराजगी जाहिर की।

मीना बाजार के दौरान भारी भीड़ जुटने की संभावना है, लेकिन सुरक्षा उपायों को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। भीड़ नियंत्रण के इंतजाम नहीं। आगजनी और दुर्घटनाओं का खतरा हो सकता है। वही पर मैदान की सतह और हरियाली को नुकसान होगा।

पिछले वर्ष भी इस मैदान पर मीना बाजार लगाने को लेकर शिकायत दर्ज हुई थी। तब प्रभाग समिति क्रमांक 4 के सहायक आयुक्त ने आयोजकों पर कार्रवाई की थी। बावजूद इसके, इस बार फिर आयोजन की अनुमति देना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

भिवंडी में खेल सुविधाओं की पहले से ही कमी है। ऐसे में स्टेडियम का व्यावसायिक उपयोग खिलाड़ियों की संभावनाओं और खेल संस्कृति को खत्म कर सकता है।पालिका आयुक्त अजय वैद्य से खेल प्रेमियों ने सवाल किया है कि क्या खिलाड़ियों के लिए बने इस मैदान का सम्मान नहीं होना चाहिए ? "हम मांग करते हैं कि मीना बाजार के आयोजन पर तुरंत रोक लगाई जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा," एक स्थानीय नागरिक ने चेतावनी दी। आखिर यह स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए है या व्यापारियों के लिए ? यह सवाल अब हर भिवंडीवासी के मन में गूंज रहा है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट