
भिवंडी पालिका में "भ्रष्टाचार का साम्राज्य" !!
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Dec 05, 2024
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क्या आयुक्त अजय वैद्य बने किंगपिन !
ठेकेदार महेश शिर्के व निखिल चमन अग्रवाल पर केस दर्ज
भिवंडी। भिवंडी-निज़ामपुर महानगर पालिका में भ्रष्टाचार के मामलों ने अब नए आयाम छू लिए है। प्रशासक राज के दौरान भ्रष्टाचार की गूंज हर गली-मोहल्ले में सुनाई दे रही है, और इन आरोपों के केंद्र में हैं पालिका प्रशासक और आयुक्त अजय वैद्य। बुधवार को कचरा उठाने के ठेके को लेकर दो ठेकेदारों के बीच जमकर हंगामा और हाथापाई हुई। लेकिन यह झगड़ा सिर्फ सतह है, भीतर की कहानी भ्रष्टाचार की एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है।
भिवंडी के नागरिकों का आरोप है कि आयुक्त अजय वैद्य ने पालिका को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। बदली से लेकर अवैध इमारतों और टैक्स वसूली तक, हर मामले में अजय वैद्य के एजेंटों की सीधी भूमिका बताई जा रही है। आरोपों के अनुसार, अजय वैद्य ने वसूली के लिए एक संगठित तंत्र तैयार कर रखा है। उन्होंने कई कर्मचारियों को वसूली के "अधिकारिक" काम में लगा दिया है, जबकि कई प्राइवेट एजेंट भी उनके लिए काम कर रहे है, तबादलों के नाम पर लाखों रुपये की वसूली की जा रही है। बिना अनुमति निर्माण करने वालों से भारी रकम लेकर उन्हें "संरक्षण" दिया जा रहा है। टैक्स लगाने और उससे छूट देने के नाम पर मोटी रिश्वत ली जा रही है। नई इमारतों को मंजूरी दिलाने के लिए ठेकेदारों और बिल्डरों से उगाही की जा रही है। ठेका प्रक्रिया में धांधली कर अपने करीबी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं।
कचरा ठेका विवाद: भ्रष्टाचार का ताजा चेहरा ::::
कचरा उठाने के ठेके को लेकर बरकत अग्रवाल और महेश शिर्के के बीच हुए विवाद में भी अजय वैद्य का नाम उभरकर आया है। बरकत, जो आयुक्त का करीबी माना जाता है, ठेका पाने में नाकाम रहने पर इस विवाद में उलझ गया। आरोप है कि यह ठेका भी "बोली से पहले तय" किया गया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण शिर्के को ठेका दिया गया। सुत्र बताते है आयुक्त अजय वैद्य ने ठेकेदार से वसूली करने के उद्देश्य से बरकत को शिकायत दर्ज करने के लिए आगे किया था। जिससे कचरा उठाने वाले ठेकेदार से मोटी रकम वसूला जा सके। हालांकि जब दोपहर बाद पालिका मुख्यालय में हंगामा होने लगा, तब निज़ामपुर पुलिस ने घटना स्थल पर पहुँची और बरकत ठेकेदार को सुरक्षित पुलिस स्टेशन तक ले गई। जहां पर दोनों ठेकेदार पर परस्पर केस दर्ज करने की प्रकिया देर रात तक चलती रही। निखिल चमन अग्रवाल ( बरकत) की शिकायत पर निज़ामपुरा पुलिस ने महेश शिर्के गिरीष शेट्टी व 10 से 15 लोगों पर भारतीय न्याय संहिता कलम 189(2)191(2),190,126(2),352,351(2) के तहत केस दर्ज किया है। वही पर इस झगड़े में निखिल चमन अग्रवाल ने अनुसूचित जाति के विकास बलीराम अहिरे को जाती सूचक गाली देने के कारण पुलिस ने निखिल अग्रवाल के खिलाफ अनुसूचित जमाती ( अत्याचार प्रतिबंधक) कायदा कलम 3(1)(त) के तहत केस दर्ज किया है। किन्तु अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विशेष सूत्रों की माने तो पालिका मुख्यालय के तीसरे मंजिल पर स्थित आयुक्त कार्यालय बाहर हंगामा होते देख कई अधिकारी पिछले दरवाजे से रफूचक्कर हो गये।
पालिका मुख्यालय में रोजाना करोड़ों का लेन-देन होने की बात कही जा रही है। एंटी करप्शन टीम के लगातार चक्कर लगाने के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी बिना किसी डर के इस खेल को अंजाम दे रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि आयुक्त के संरक्षण के बिना यह सब संभव ही नहीं है।पालिका के भ्रष्टाचार से परेशान जनता अब खुलकर बोलने लगी है। एक स्थानीय निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "यहां हर काम का रेट तय है। जब तक ऊपर तक पैसे नहीं पहुंचते, कोई काम नहीं होता।" पालिका के भ्रष्टाचार और आयुक्त की संदिग्ध भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लेकिन क्या इस "भ्रष्ट साम्राज्य" पर कोई अंकुश लगेगा, यह बड़ा सवाल है। जनता की नजर अब सरकार और प्रशासन पर टिकी हुई है।
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