भिवंडी को टीबी मुक्त करने की दिशा में कदम

पालिका को मुफ्त एक्स-रे मशीन प्राप्त

भिवंडी। भिवंडी महानगरपालिका को क्षयरोग (टीबी) की शीघ्र और सटीक पहचान के लिए एक अत्याधुनिक एक्स-रे स्क्रीनिंग मशीन मुफ्त में प्रदान की गई है। इस मशीन से भिवंडी में टीबी के संभावित मरीजों की पहचान और उनके उपचार में तेजी आने की उम्मीद है। यह मशीन "कोलिशन 4 टीबी एलिमिनेशन फाउंडेशन" द्वारा 30.50 लाख रुपये के सीएसआर फंड के तहत गुरुकृपा विकास संस्था की पहल पर उपलब्ध कराई गई है।

पालिका मुख्यालय में आयोजित इस लोकार्पण कार्यक्रम में पालिका आयुक्त अजय वैद्य ने कहा कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य है। इस दिशा में समय पर मरीजों की पहचान और इलाज बेहद जरूरी है। भिवंडी जैसे पावरलूम नगरी में बढ़ती जनसंख्या और टीबी रोगियों की संख्या को देखते हुए यह मशीन अत्यधिक उपयोगी साबित होगी। भिवंडी की 15 लाख जनसंख्या को देखते हुए हर साल लगभग 45,000 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग का लक्ष्य है। लेकिन अब तक सालाना केवल 8,000-9,000 संदिग्ध रोगियों की जांच हो पा रही थी। इस नई मशीन के आने से जांच प्रक्रिया तेज और किफायती होगी, जिससे मरीजों को समय पर उपचार मिल सकेगा। सरकार और सामाजिक संस्थाओं का प्रयास

राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस पहल को लागू किया गया है। गुरुकृपा विकास संस्था के अध्यक्ष विशाल बोडके ने इस उपलब्धि के लिए फाउंडेशन और संबंधित कंपनी से संपर्क साधा, जिसके फलस्वरूप यह मशीन भिवंडी को प्राप्त हुई।पालिका आयुक्त अजय वैद्य ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह मशीन टीबी की पहचान और इलाज में क्रांति लाएगी। भिवंडी जैसे औद्योगिक शहर में इस तरह की तकनीकी मदद बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे टीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इस अवसर पर पालिका उपायुक्त प्रणाली घोंगे, वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ.संदीप गाडेकर, शहर क्षयरोग अधिकारी डॉ. बुशरा सैय्यद, गुरुकृपा विकास संस्था के अध्यक्ष विशाल प्रदीप बोडके और फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रज्ञा राउत, राजीव कुमार व अनुराग दत्ता सहित अन्य अधिकारी व सामाजिक संगठनों के सदस्य उपस्थित थे।

रिपोर्टर

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