पुऑल जलाने वाले कृषकों का, DBT ब्लॉक कर सरकारी लाभ से किया गया वंचित

रोहतास ।कृषि विभाग के द्वारा फसल अवशेष नही जलाने हेतु संबंधित रोहतास जिलान्तर्गत सभी प्रखण्ड के पंचायतों पर किसान चौपाल का आयोजन LED / ज्ञान वाहक रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। दैनिक समाचार में भी प्रकाशित किया गया है। फसल अवशेष जलाने से होने वाले क्षति जैसे मिट्टी का तापमान बढ़ने के कारण मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु केचुओं आदि का हास हो जाना, फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है। साथ ही पर्यावरण दूषित होने के कारण सभी जीवों पर दुस्परिणाम के साथ-साथ श्वास की बिमारी भी हो जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जीविका दीदी के माध्यम से भी स्कुलों में जाकर जागरूक किया जा रहा है। कम्बाईन हार्वेस्टर संचालकों को भी फसल अवशेष प्रबंधन हेतु विभाग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर प्रशिक्षण दिया गया है। खेतों में पराली नहीं जलाने से संबंधित पंचायत स्तर पर किसान सलाहकार, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी एवं जिला स्तर के पदाधिकारी द्वारा लगातार भ्रमण करते हुए किसानों को अपने खेतों में पराली नहीं जलाने से संबंधित जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी जिन किसानों द्वारा अपने फसल अवशेष को खेतों में जलाया गया है, उनका विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सेटेलाईट ईमेज के माध्यम से प्राप्त फायर प्वाईंट (जी०पी०एस० अक्षांस एवं देशान्तर) के माध्यम से उपलब्ध घटना का स्थल जॉचोपरान्त संबोधित कुल-131 किसानों का DBT पंजीकरण को रद्द कर सरकार द्वारा किसानों को मिलने वाले लाभ से बंचित किया गया है। इसके बावजूद भी किसानों द्वारा अपने खेतों में पराली जलाने से संबंधित घटना घटित की जाती है तो इससे सख्ति से निपटने के लिए CRPC की सुसंगत धारा 133 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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