भिवंडी पालिका आयुक्त अजय वैद्य पर भ्रष्टाचार और हेरफेर का आरोप स्थानांतरण की मांग तेज

भिवंडी।  भिवंडी-निजामपुर शहर महानगर पालिका में प्रशासकीय शासन के दौरान भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर शहर के प्रशासनिक तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है। लाचलुचपत प्रतिबंधक विभाग द्वारा की गई हालिया कार्रवाई में, नगर पालिका के सहायक आयुक्त को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। इस घटना के बाद शहर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर तीखी बहस छिड़ गई है।

भिवंडी पश्चिम के विधायक महेश चौघुले ने एक लिखित पत्र देकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ध्यान महानगर पालिका में जारी भ्रष्टाचार की ओर आकर्षित किया है।उन्होंने पालिका के आयुक्त और प्रशासक अजय वैद्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी तत्काल स्थानांतरण की मांग की है। विधायक ने आयुक्त के कार्यकाल में लिए गए सभी विवादास्पद निर्णयों और भ्रष्टाचार की विभागीय जांच कराने की भी अपील की है। विधायक चौघुले ने आरोप लगाया है कि आयुक्त अजय वैद्य ने नगर पालिका में हुकूमशाही प्रणाली लागू करते हुए, अधिकारी और कर्मचारियों की मनमानी स्थानांतरण नीति को बढ़ावा दिया। उनके अनुसार, वैद्य ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण के नाम पर आर्थिक लेनदेन किया है। चौघुले का कहना है कि वैद्य ने जानबूझकर विवादास्पद अधिकारियों को फिर से सेवा में शामिल किया और हर 2-3 महीने में कर्मचारियों का गैरकानूनी तरीके से स्थानांतरण किया। इस तरह के निर्णय न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करते हैं, बल्कि नगर पालिका और भिवंडी शहर की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

विधायक ने आरोप लगाया कि आयुक्त वैद्य ने एमएमआरडीए, सार्वजनिक निर्माण विभाग और भिवंडी नगर पालिका के माध्यम से चल रहे विकास कार्यों में जानबूझकर अड़चनें पैदा की हैं। इन कार्यों के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये की निधि स्वीकृत की है, लेकिन आयुक्त ने इन कार्यों के प्रस्तावों को रोका और ठहराव न देकर विकास कार्यों में देरी की। विधायक ने अपने पत्र में कहा कि आयुक्त ने अनधिकृत निर्माणों को संरक्षण देना जारी रखा है, जिससे भिवंडी शहर के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयुक्त अजय वैद्य की मनमानी प्रशासनिक शैली के कारण भिवंडी शहर की स्थिति खराब हो रही है और शहर तेजी से अवनति की ओर बढ़ रहा है।

विधायक महेश चौघुले ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि आयुक्त अजय वैद्य को तत्काल उनके पद से हटाया जाए और उनके कार्यकाल के दौरान लिए गए सभी निर्णयों की गहन जांच की जाए। उनका कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार और प्रशासनिक हेरफेर को समाप्त किए बिना भिवंडी के विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती।भिवंडी नगर में इस मुद्दे को लेकर नागरिकों में भी आक्रोश बढ़ रहा है। क्या सरकार इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देकर कोई ठोस कदम उठाएगी, यह देखना अब बाकी है।

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