
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का वार्षिकोत्सव के दौरान वसई होटल के भव्य कार्यक्रम में संत की उपाधि से अलंकृत हुए गुरुजी परमहँस श्री.।
- Hindi Samaachar
- Dec 17, 2018
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पालघर.। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग(शासी) के वार्षिकोत्सव एवं स्नेह सम्मेलन का भव्य कार्यक्रम शनिवार को जिले के वसई स्थित रूद्र शेल्टर इंटरनेशनल होटल तुंगार फाटा,सातीवली पूर्व में दीपप्रज्वलन, प्रस्तावना, स्वागत समारोह एवं सम्मान स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए देररात तक चली रंगारंग माहौल में संपन्न हुआ.।
कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र राज्य प्रदेश अध्यक्ष एवं अध्यक्षा किशोर मोरे एवं किरण यादव की ओर से की गयीं.। जिसमें विभिन्न प्रांतों से आयोग के पदाधिकारी समेत संस्थापिका श्रीमती शांति देवी राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाराम मिश्रा, राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष शोभनाथ त्रिपाठी समेत राष्ट्रीय मुख्य महासचिव डाँ. रविंद्र मिश्रा समेत जिले के तमाम पदाधिकारी के अलावे विद्वान मनीषी,डाँक्टर,एडवोकेट, इंजीनियर, पत्रकार, महात्मा, संगीतकार, गीतकार, कलाकारों के अलावे संभ्रांत व्यक्तियों का जमावड़ा रहा.।
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रीय गान एवं द्वीपसमूह प्रज्जवलित करते हुए अतिथियों ने की.। गीतकार एवं आयोग के महासचिव आंनद दुबे ने अपने मानवाधिकार पर समर्पित गीत से कार्यक्रम में समा बांध दिया.। राष्ट्रीय महासचिव डाँ.रविंद्र मिश्रा ने सफल संचालन का बखूबी जिम्मेदारी निभाते हुए आयोग की विभिन्न पहलुओं फर बिस्तार से प्रकाश डालते हुए सभी सदस्यों एवं पदाधिकारियों को सदैव मानव सेवा हेतु तत्पर रहने की प्रेरणा दी.। उन्होंने किन्नर समाज के हित हेतु अलग से सहयोग करने के प्रकोष्ठ एवं पत्रकारों के सुविधाओं के लिए मीडिया आयोग बनाने की भी जरूरी बात बताई.। नारी शक्ति के सशश्क्तिकरण एवं सुरक्षा के लिए प्लास्टिक रहित पीरियड पैड्स कु निर्माण करने की शुरूआत करते हुए स्वास्थ्य के प्रति दायित्व निर्वहन की बात दोहराई.।
श्री रविंद्र मिश्रा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के पुरे भारत में 24 राज्यों के 118 कार्यालयों में समाज के हर वर्ग की बिना भेदभाव सेवा करने की बात पुरजोर शब्दों से रखते हुए सभी का धन्यवाद दिया.।
इस अवसर पर विभिन्न सभाज सेवी, पत्रकारों, एवंअन्य वर्गों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया.।हरिद्वार से पधारे महात्मा गुरू जी परमहँस श्री को उनके समाज के प्रति दायित्व ऐवं सेवा सरोकार के साथ असहायों की मदद को देखते हुए संत की उपाधि से अलंकृत किया गया.।
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