भिवंडी पावरलूम को-ऑपरेटिव सोसायटी को राज्य सरकार की नोटिस, करोड़ों के घोटाले का आरोप

भिवंडी। भिवंडी पावरलूम को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालक मंडल पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अवैध भूमि लेनदेन के आरोप लगे हैं। इस मामले में राज्य सरकार के वस्त्रोद्योग प्रादेशिक उप आयुक्त कार्यालय को शिकायत मिलने के बाद विभाग ने संचालक मंडल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस से सोसायटी के संचालकों में हड़कंप मच गया है।

भिवंडी पावरलूम को-ऑपरेटिव सोसायटी 1998 में पंजीकृत की गई थी। सोसायटी के संचालक मंडल का कार्यकाल 26 फरवरी 2015 से पांच वर्षों के लिए था, जो 26 फरवरी 2020 को समाप्त हो गया। लेकिन कार्यकाल खत्म होने के बावजूद, संचालक मंडल ने गैरकानूनी तरीके से संपत्ति की खरीद-बिक्री और विकास समझौते किए।

1. भिनार और सावंदे में 80,500 वर्ग मीटर भूमि को एक निजी डेवलपर को बेहद कम कीमत में गोदाम निर्माण के लिए सौंप दिया गया।

2. मौजे पारिवली क्षेत्र में सर्वे नंबर 41/4 की 3.85 करोड़ रुपये की भूमि, जिसका क्रय अधिकार संचालक मंडल को नहीं था, फिर भी 21 जून 2024 को खरीद ली गई।

इन दोनों मामलों में संचालक मंडल पर कोट्यवधी (कई करोड़) रुपये के भ्रष्टाचार और सरकारी नियमों की अनदेखी के आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता जलालुद्दीन अंसारी ने प्रादेशिक उपायुक्त को बताया कि 2015-16 से 2023-24 तक सोसायटी के वित्तीय लेन-देन में भी अनियमितताएं हैं। उन्होंने सोसायटी के पुनः ऑडिट (पुनरलेखापरीक्षण) की मांग की है ताकि इस घोटाले का पूरा सच सामने आ सके।राज्य सरकार के वस्त्रोद्योग प्रादेशिक उपायुक्त दीपक खांडेकर ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भिवंडी पावरलूम को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालक मंडल को "कारण बताओ" (शो-कॉज) नोटिस जारी किया है। संचालक मंडल को 18 फरवरी 2025 को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है। इस पूरे प्रकरण से भिवंडी के वस्त्रोद्योग क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और सभी की नजरें अब आगामी जांच और कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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