भिवंडी पालिका भ्रष्टाचार का गढ़, जनसंपर्क अधिकारी श्रीकांत परदेशी घोटाले के केंद्र में

भिवंडी। भिवंडी-निजामपुर शहर महानगर पालिका (BNCMC) में भ्रष्टाचार की गूंज तेज हो गई है। इस बार निशाने पर हैं पालिका के जनसंपर्क अधिकारी श्रीकांत परदेशी, जिन पर भ्रष्टाचार, मनमानी और तानाशाही का आरोप लग रहा है। सूत्रों की मानें तो परदेशी की नियुक्ति ही पूर्व आयुक्त अजय वैद्य के "विशेष एजेंडे" के तहत हुई थी, ताकि पालिका में हो रहे भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके। अब जब शहर में नए आयुक्त अनमोल सागर (आई.ए.एस.) की एंट्री हुई है, तो ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की नींद उड़ गई है।

"मीडिया को खरीदने की साजिश, लाखों का घोटाला ?" ::::

श्रीकांत परदेशी पर आरोप है कि उन्होंने चंद चुनिंदा समाचार पत्रों और पत्रकारों को मोटा आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर नोटिस उन्हीं अखबारों में प्रकाशित करवाए, जिनका भिवंडी से कोई लेना-देना नहीं है ! इतना ही नहीं, खबरों को मैनेज करने के लिए समाचार पत्र के मालिकों को टेंडर नोटिस देकर 15% से 50% तक का कमीशन लिया गया। ऐसे अखबारों को पालिका के टेंडर और विज्ञापन दिए गए, जिनका शहर में कोई संवाददाता तक नहीं था। क्या यह एक सुनियोजित घोटाला नहीं ?

"पालिका का स्थापना दिवस बना घोटाले का दिन !"

पालिका के स्थापना दिवस पर भी श्रीकांत परदेशी के रवैये ने कई सवाल खड़े कर दिए। आरोप है कि इस कार्यक्रम में सांसद, विधायक, पूर्व महापौर, नगरसेवक और पत्रकारों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया, जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सम्मानित किया गया। लेकिन सबसे बड़ा झटका तब लगा जब मुख्यालय में स्थापित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा तक को माला पहनाने की औपचारिकता नहीं निभाई गी ! क्या यह एक सोची-समझी साजिश थी ?

"क्या अब गिरेगी गाज?" :::

शहर के जागरूक नागरिक और समाजसेवी इस पूरे मामले को लेकर मुखर हो गए हैं। पूर्व में भीम शक्ति ठाणे जिला अध्यक्ष पैगंबर महेताब शेख उर्फ बाबा और समाजसेवक एस. मोहम्मद असगर अली अंसारी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और कोकण आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर परदेशी को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी। अब, जब नए आयुक्त अनमोल सागर को कुछ भिवंडी कर भ्रष्टाचारियों की सूची तैयार की हैं, तो सवाल उठता है – क्या श्रीकांत परदेशी पर गाज गिरेगी ?

पालिका के गलियारों में हलचल तेज है। क्या यह मामला केवल आरोपों तक सीमित रहेगा, या फिर भिवंडी की जनता को न्याय मिलेगा ? प्रशासन के अगले कदम पर पूरे शहर की नजरें टिकी हुई हैं!

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