भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते  राज्य शिक्षा संचालक के आदेश की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां।

भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है शिक्षकों की कार्यप्रणाली तथा प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण शिक्षकों की कार्यप्रणाली से मनपा के स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हजारों छात्रो  का भविष्य दांव पर लगा हुआ है शासन नियम के विपरीत बनाए गए केंद्र समन्वयक की मनमानी से स्कूल के शिक्षक तथा मुख्याध्यापक हैरान परेशान हैं। शिकायत है कि केंद्र समन्वयक (सीआरसी) छात्रो  को कक्षा में पढ़ाने नहीं जाते । सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि इन तमाम समस्याओं को लेकर की गई शिकायतों पर महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षा परिषद मुंबई , संचालक ने मनपा आयुक्त को दो बार लिखित आदेश देकर उक्त सभी प्रकार की मनमानी पर कार्रवाई करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। लेकिन राजनीतिक दबाव में आकर शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में की जा रही मनमानी के विरुद्ध मनपा आयुक्त ने आज तक कोई कार्रवाई ना करके के शिक्षा संचालक के आदेश की धज्जियां खुद मनपा आयुक्त ही उड़ा रहे हैं।
           गौरतलब हो कि भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग की मनमानी और लापरवाही के कारण हमेशा सुर्खियों में रहा है।पूर्व 10 वर्षों से भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में शिक्षा अधिकारी का पद खाली पड़ा है। प्रशासन अधिकारी भी राजनीतिक नेताओं और शिक्षकों की यूनियनों के दबाव में काम करने पर मजबूर हैं। भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में व्याप्त मनमानी कारोबार और भ्रष्टाचार के संदर्भ में समाजसेवक गुलाम हुसैन मोमिन ने राज्य के शिक्षा मंत्री व संचालक महाराष्ट्र राज्य शिक्षा प्राथमिक शिक्षा परिषद, मुंबई को भेजें लिखित शिकायत पत्र में बताया है  कि हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर औरंगाबाद खंडपीठ के निर्णय कि गलत विवेचना करते हुए भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में केंद्र समन्वयक (सीआरसी) की नियुक्ति कर दी गई। शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार  भिवंडी मनपा में सीआरसी की नियुक्ति करने का नियम ही नहीं है। आरटीआई शिक्षा अधिकार कानून 2009 के अनुसार किसी भी शिक्षक को केवल इलेक्शन ड्यूटी उससे जुड़ा कार्य , जनगणना तथा आपातकालीन की ड्यूटी को छोड़कर शिक्षा के अलावा कोई कार्य नहीं दिया जा सकता है। केंद्र समन्वयक का कार्य है कि शिक्षा संबंधी कोई सर्कुलर स्कूल बोर्ड ऑफिस में आता है,उसे प्रशासन अधिकारी केंद्र समन्वयक को भेज देता है। केंद्र समन्वयक का कार्य शिक्षकों की मीटिंग अरेंज करना प्रशिक्षण की व्यवस्था करना तथा अपने अधीन स्कूलों की जानकारी लेकर प्रशासन अधिकारी को रिपोर्ट भेजना है। यह कार्य पूरी तरह अशैक्षणिक कार्य है,जबकि  प्रशासन अधिकारी ने अपने ऑर्डर में लिखा है कि सीआरसी अपने स्कूल में शैक्षणिक कार्य पूरा करने के बाद छुट्टियों में यह कार्य करना है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया है कि भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में सीआरसी का पद पूर्व 10 वर्षों से बनाकर उनकी नियुक्ति की गई है। यह तमाम सीआरसी अपने स्कूलों में शिक्षा देने का कार्य नहीं कर रहे हैं। बच्चों के भविष्य के साथ यह पूरी तरह से खिलवाड़ हो रहा है। जिससे हजारों छात्रो का भविष्य अंधकार में पड़ा हुआ है।सत्य परस्थिति यह है कि शैक्षणिक वर्ष दो हजार सत्रह अट्ठारह की संच मान्यता के हिसाब से उर्दू में 104 शिक्षक, मराठी में 40 शिक्षक हिंदी में 8 से 10 शिक्षक कम है। जो सीआरसी बनाए गए हैं उनका कार्य केवल जानकारी आदान प्रदान करना है लेकिन भिवंडी मनपा स्कूलों में यह सीआरसी बोस बने हुए हैं। खुद को हेड मास्टर से भी बड़ा समझते हैं विगत 10 वर्षों से सीआरसी स्कूलों की कक्षाओं में पढ़ाने नहीं जाते हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में कोई सक्षम अधिकारी नहीं है, जो मुख्याध्यापक और शिक्षकों पर नियंत्रण रख सके। जिसकारण सभी स्कूलों के मुख्य अध्यापक और शिक्षक अपने शैक्षणिक कार्य में घोर लापरवाही कर रहे हैं। साढे 4 घंटे की स्कूल में शैक्षणिक कार्य कम करने तथा अपने निजी कार्य अधिक करने की एक परंपरा सी चल रही है। जिसके कारण प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद घटिया हो गया है। जिसका कुपरिणाम है कि भिवंडी मनपा क्षेत्र के अंतर्गत मनपा के स्कूलों में हर वर्ष विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है। इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे गरीब मजदूर व पावरलूम मजदूर के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अपनी गलतियों को छिपाने के लिए मुख्याध्यापक और  शिक्षक केंद्र समन्वयक को ऑफिसर का दर्जा दे रहे हैं। वहीं केंद्र समन्वय  हेड मास्टर की कुर्सी पर बैठते हैं खुद को हेड मास्टर से बड़ा समझते  इस संदर्भ में समाज सेवक गुलाम हुसैन मोमिन ने 27 जुलाई 2018 को शिक्षा मंत्री और संचालक महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षा परिषद, मुंबई को लिखित शिकायत की। जिसके जवाब में संचालक ने भिवंडी मनपा आयुक्त को 6 अगस्त 2018 को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा और साथ में ही रिपोर्ट मंगाई। उस पत्र पर मनपा आयुक्त ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद गुलाम हुसैन मोमिन ने पुनः से 16 अक्टूबर 2018  को पत्र लिखकर शिक्षा मंत्री और राज्य शिक्षा संचालक को जानकारी दी कि आप के आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, भ्रष्टाचार पहले ही जैसा चल रहा है। फिर से संचालक ने मनपा आयुक्त को पत्र देकर आदेश दिया कि कार्रवाई क्यों नहीं हुई संबंधित शिकायत पर तुरंत कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आश्चर्य की बात यह है कि दो बार राज्य शिक्षा संचालक द्वारा पत्र लिखने के बाद भी आज तक मनपा आयुक्त ने भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में चल रही गड़बड़ियो  के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। जब इस संदर्भ में भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग में पूछताछ की जाती है तो संबंधित क्लर्क बताता है कि शिकायतों की फाइलें ही गुम हो गई हैं। इस संदर्भ में छानबीन करने  पर ज्ञात हुआ कि मनपा विरोधी पक्ष नेता श्याम अग्रवाल, भिवंडी शिक्षण समिति सदस्य व नगरसेवक परवेज मोमिन तथा कई अन्य संस्थाओं से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता भी इस संदर्भ में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन भिवंडी मनपा शिक्षण विभाग के संबंधित कर्मचारी बताते हैं कि इन सभी शिकायतों की फाइलें गुम हो गई हैं यह शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई  है। 

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