
भिवंडी की मौत की फैक्ट्रियां: ज़हरीली हवा में सांस लेना भी जानलेवा !
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Apr 01, 2025
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भिवंडी l अगर आप भिवंडी में रहते हैं, तो यह जान लीजिए—हर सांस के साथ आप ज़हर निगल रहे हैं! शहर में संचालित साइजिंग और डाइंग कंपनियां खुलेआम प्रदूषण फैलाकर नागरिकों को धीमी मौत की तरफ धकेल रही हैं। ये कंपनियां कोयले के बजाय प्लास्टिक, रबर, वेस्ट कचरा, लकड़ी और कागज जलाकर स्टीम तैयार कर रही हैं, जिससे हवा में खतरनाक ज़हरीले तत्व घुल रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इन कंपनियों को वेस्ट कचरा सप्लाई करने के लिए चार से पांच गिरोह सक्रिय हैं। ये गिरोह कंपनियों को सस्ते में ज़हरीला कचरा पहुंचाते हैं, जिसे ये कंपनियां आधी रात के बाद जलाकर अपनी चिमनियों से घातक धुआं छोड़ती हैं, ताकि किसी की नज़र न पड़े। लेकिन अब तो इनका दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि ये दिन में भी यह काम करने लगे हैं। पूरे शहर में जहरीले धुएं का गुबार छाया रहता है, जिससे हजारों लोग बीमार हो रहे हैं।
3 जून 2024 को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) ने 430 कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए 107 कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया था। 49 कंपनियों को आंतरिन नोटिस, 65 कंपनियों को प्रस्तावित आदेश और 149 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। मगर, यह आदेश कागज़ों तक ही सीमित रह गए क्योंकि शहर में प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि भिवंडी क्षेत्र की MPCB अधिकारी सौजन्या पाटिल पिछले चार सालों से पदस्थ हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी में ही ये कंपनियां दिनदहाड़े ज़हरीली गैसें छोड़ने लगी हैं। क्या प्रशासन इन कंपनियों के सामने बेबस है, या फिर कोई मोटा खेल चल रहा है?
डॉक्टरों की मानें तो भिवंडी में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कैंसर और दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। शहर की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि लोग बिना मास्क लगाए घर से निकलने में भी डर रहे हैं।
अब सवाल यह है कि प्रशासन कब जागेगा? क्या कोई बड़ी त्रासदी होने का इंतजार किया जा रहा है? यदि जल्द ही इन कंपनियों पर बुलडोजर नहीं चला, तो भिवंडी का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। नागरिकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता खुद सड़कों पर उतरकर इंसाफ मांगेगी.
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