भिवंडी पालिका की केवल 10% टैक्स वसूली वित्तीय वर्ष में 88.78 करोड़ रुपये वसूले गए

भिवंडी। मुंबई महानगर क्षेत्र के नगर निगमों की संपत्ति कर वसूली के करोड़ों रुपये के आंकड़ों के बीच, भिवंडी महानगर पालिका फिर एक बार पिछड़ गई है। इस वर्ष केवल 10% यानी 88.78 करोड़ रुपये की संपत्ति कर वसूली हो पाई है, जबकि पालिका रिकॉर्ड में कुल 802.79 करोड़ 98 हजार 620 रुपये बकाया है।

बकाया कर की स्थिति: :::::

1)  45,740 विवादित संपत्तियाँ: जिन पर 229.52 करोड़ 95 हजार 755 रुपये की कर निर्धारण राशि दर्ज है।

2) 286 मोबाइल टावर: जिनकी अदालती प्रक्रिया में फंसी राशि 36.60 करोड़ 26 हजार 928 रुपये है।

3) 2,28,737 संपत्तियाँ: जिन पर 536.66 करोड़ 75 हजार 936 रुपये का कर बकाया है, जिसमें 111 करोड़ रुपये का ब्याज और जुर्माना शामिल है।

कुल मिलाकर मूल संपत्ति कर वसूली की राशि 425 करोड़ रुपये है, जिसमें से 311 करोड़ रुपये पुराने कर निर्धारण के हैं और 114 करोड़ रुपये चालू वित्तीय वर्ष के हैं। इनमें से केवल 88.78 करोड़ रुपये की वसूली कर विभाग के उपायुक्त बाळकृष्ण क्षीरसागर द्वारा की गई है।

वसूली में अड़चनें: ::::::

भिवंडी पालिका क्षेत्र में संपत्ति कर वसूली हमेशा से विवादों में रही है। पालिका के कर्मचारी अधिकारी वसूली को लेकर ठोस कार्रवाई से हिचकते हैं। किसी भी अधिकारी द्वारा सख्त कार्रवाई करने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अड़चनें डालने के कारण वसूली प्रक्रिया में रुकावट आती है, जिससे संपत्ति कर का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जाता है। विशेष रूप से विवादित संपत्तियों पर कर निर्धारण राशि और ब्याज में वृद्धि में दोहरी प्रविष्टियों का बड़ा हाथ है।

नई वसूली रणनीति: ::::

संपत्ति कर वसूली में सुधार लाने के लिए पालिका प्रशासन ने कई स्तरों पर नए उपाय शुरू किए हैं.

1) दोहरी प्रविष्टियों की पहचान: सबसे पहले इन प्रविष्टियों का पता लगाया जाएगा, जिन पर सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा।

2) सर्वेक्षण एवं जीआईएस प्रक्रिया: शहर की संपत्तियों का सटीक सर्वेक्षण करने के लिए जीआईएस तकनीक के साथ-साथ मौके पर माप के लिए एक संस्था की नियुक्ति की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस प्रक्रिया में पालिका के खजाने से कोई खर्च नहीं होगा, बल्कि संस्था को बढ़ी हुई संपत्ति कर की निश्चित औसत राशि के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

रमजान का प्रभाव::::::

उपायुक्त बालकृष्ण क्षीरसागर ने बताया कि रमजान के महीने के कारण वसूली प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वास्तविक 425 करोड़ रुपये की संपत्ति कर राशि को देखते हुए, वसूली की गई राशि केवल 20% तक ही सीमित रह गई है।

रिपोर्टर

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