पालिका अधिकारियों को पद तो मिला, मगर बैठने को कुर्सी नहीं

भिवंडी।  भिवंडी-निज़ामपुर शहर महानगरपालिका में हाल ही में आयुक्त के आदेशानुसार बड़े पैमाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं। हालांकि, इन तबादलों के बाद जो स्थिति सामने आई है, वह हैरान करने वाली है। जिन अधिकारियों को नए विभागों की जिम्मेदारी दी गई है, वे अब तक अपनी कुर्सी पर बैठने से वंचित हैं।

पुराने अधिकारियों का कब्जा, नए अधिकारी भटकने को मजबूर ::::

पालिका के विभिन्न विभागों, जैसे कि वाहन विभाग, आरोग्य विभाग, कर मूल्यांकन विभाग समेत अन्य विभागों में नए अधिकारियों को पदभार तो सौंपा गया है,लेकिन उन्हें बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है। इसका कारण यह है कि पूर्व पदाधिकारी अभी भी उन्हीं कुर्सियों पर जमे हुए हैं और नई नियुक्तियों के बावजूद अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

एक अधिकारी, कई विभागों की जिम्मेदारी :::

पालिका मुख्यालय में अधिकारियों की कमी की वजह से एक ही अधिकारी को कई विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लेकिन जब कुर्सी ही उपलब्ध नहीं है, तो ऐसे अधिकारी एक विभाग में बैठकर अन्य विभागों की जिम्मेदारी निभाने के लिए मजबूर हैं। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में बाधा आ रही है, बल्कि अधिकारी खुद भी असमंजस की स्थिति में हैं।

काम प्रभावित, जनता को हो रही परेशानी :::

पालिका में चल रही इस अनिश्चितता का असर सीधा जनता पर पड़ रहा है। कई अधिकारी अपने नए विभागों में सक्रिय रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे जनता से जुड़े मामलों का निपटारा देरी से हो रहा है। शिकायतें लंबित पड़ी हैं और नागरिकों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी ? :::

सवाल यह उठता है कि जब तबादले के आदेश दिए जा चुके हैं, तो फिर पुराने अधिकारी कुर्सी छोड़ने में आनाकानी क्यों कर रहे हैं ? क्या प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी की जा रही है, या फिर अंदरूनी राजनीति के कारण यह अव्यवस्था बनी हुई है ?

समाधान की जरूरत :::

नगर प्रशासन को इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि नए अधिकारियों को उनका सही स्थान मिल सके और वे सुचारू रूप से अपने कार्यों का निर्वहन कर सकें। यदि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो न केवल प्रशासनिक व्यवस्था चरमराएगी, बल्कि इसका असर शहर के विकास और नागरिक सुविधाओं पर भी पड़ेगा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस अव्यवस्था को दूर करने के लिए क्या कदम उठाता है, या फिर अधिकारी यूं ही बिना कुर्सी के जिम्मेदारियों का बोझ उठाते रहेंगे।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट