
सीऊर हनुमान मंदिर क्षेत्र में धूमधाम से मना लोटा भंटा
- Hindi Samaachar
- Dec 21, 2018
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अहरौरा, मीरजापुर ।। अहरौरा बाजार से लगभग तीन किलोमीटर पूर्व - दक्षिण दिशा के कोने में प्राचीन हनुमान मंदिर है जो ग्राम छातों अंतर्गत आता है। इस मंदिर के पास ही एक नदी जाती है जिसका उद्गम स्थल अहरौरा बांध है। नदी के किनारे बालू युक्त मिट्टी के कछारों पर हजारों नर नारी बच्चें अगहन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले लोटा भंटा के दिन इकट्ठा होते हैं। तमाम तरह के शाकाहारी स्वादिष्ट भोजन तैयार किया जाता है जिसमें लिट्टी चोखा मुख्य बिना प्याज लहसुन का होता है जिसे हनुमान मंदिर में चढ़ाने की परम्परा है। हनुमानजी को प्रसाद अर्पण करने के बाद मनोकामनाएं सिद्धि हेतु प्रार्थना की जाती है। इस अटूट विश्वास से मनोकामनाएं सिद्ध अवश्य होती है। इस सिद्ध मंदिर से कोई खाली हाथ नहीं जाता है, ऐसी मान्यता कई दशकों से चली आ रही है। उत्तर प्रदेश में कहीं भी ऐसी हनुमान जी की मूर्ति देखने सुनने को नहीं मिलती हैं। लोटा भंटा के दिन यह क्षेत्र मेले का स्वरूप ले लेता है जहाँ गुब्बारे, खिलौने, चाट पकौड़ी, मौसमी क्षेत्रीय फलों के दुकान सजे होते हैं।
लोटा भंटा मेला मनाने का जिक्र एक शिव भक्त से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि नि:संतान दंपति आज के दिन शिव की आराधना संतान उत्पति के लिए किया था और धरती विचरण करते हुए भगवती और शिव जी ने प्रार्थना स्वीकार कर लिया था सो यह मेला नदी के किनारे, शिव मंदिर के पास, वृक्षों के नीचे सुविधानुसार लगायी जाने लगी जो एक धार्मिक परम्परा के रूप में समाज में स्थापित हो गया। प्रत्येक क्षेत्र की अलग अलग मान्यता है और अहरौरा बाजार के पास स्थित शीऊर मंदिर के पास बहती नदी के किनारे मेले का व्यापक दृष्टि यही है कि यहाँ सात्विक मनोकामनाएं व्यक्तियों की अवश्य पूर्ति होती है।
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