भिवंडी के साठेनगर में पानी संकट, मनपा प्रशासन बेपरवाह

भिवंडी।  भीषण गर्मी के बीच भिवंडी के साठेनगर इलाके में पानी की गंभीर किल्लत से नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाके में लोग पीने के पानी के लिए दर-दर भटकते नजर आ रहे हैं, लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर मनपा प्रशासन ने पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार, अप्रैल के मध्य में 18 और 19 अप्रैल को 24 घंटे के लिए पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई थी। हालांकि 19 अप्रैल के बाद पानी की आपूर्ति शुरू हुई, फिर भी साठेनगर के कई हिस्सों में कई दिनों तक पानी नहीं पहुंचा। नागरिकों ने शिकायत की है कि उन्हें पूरे 15 दिनों के बाद पानी मिला, वह भी अत्यंत कम मात्रा में और दूषित अवस्था में। स्थानीय लोगों का कहना है कि साठेनगर की पानी की टंकी में छेद है, जिसे आम के पत्तों से बंद कर पानी इकट्ठा किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि यह टंकी वर्षों से साफ नहीं की गई है और उसमें कीड़े पाए गए हैं। पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए लोगों ने आरोप लगाया है कि यह पानी पूरी तरह से दूषित है। रहवासियों ने यह भी आरोप लगाया है कि साठेनगर का पानी ओसवालवाड़ी की इमारतों की ओर मोड़ा जा रहा है, जबकि क्षेत्र की पाइपलाइनों में भी कई जगह लीकेज हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों द्वारा अवैध नल कनेक्शन लिए जाने से भी पानी की कमी और बढ़ गई है।स्थिति यह है कि महिलाओं को एक-एक घूंट पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है। नागरिकों का कहना है कि वे नियमित रूप से घर और पानी कर भरते हैं, फिर भी इस समस्या की ओर न तो मनपा अधिकारियों का, न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं का कोई ध्यान है। साठेनगर के रहवासियों ने मांग की है कि मनपा प्रशासन इस समस्या का संज्ञान लेकर तुरंत प्रभावी कदम उठाए और पानी संकट का स्थायी समाधान सुनिश्चित करे।

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