पावर फैक्टर गिनती प्रणाली परिवर्तन के खिलाफ याचिका दाखल
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Dec 23, 2018
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भिवंडी ।। एम एस ई डी सी एल द्वारा जारी किया गया सर्कुलर नंबर 311 के अनुसार, 1 सितंबर, 2018 से पूरे महाराष्ट्र में टैरिफ शुल्क लागू किया गया है। नए बिजली टैरिफ के अनुसार पावर फैक्टर के penalty/Incentive प्रतिशत और लीड गिनती में परिवर्तन करते हुए अब पावर फैक्टर दोनों की गिनती में Lag और Lead लिया जा रहा है।कांग्रेस भिवंडी जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू ने पावर फैक्टर गिनती की प्रक्रिया को राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं के साथ जुल्म और अन्याय बताया है। महावितरण द्वारा पावर फैक्टर पर लगाए गए पेनाल्टी के खिलाफ, शोएब गुड्डू ने महाराष्ट्र इलेक्ट्री सिटी नियामक आयोग (एमईआरसी) में याचिका दाखिल करते हुए इस मामले पर पुनर्विचार करने,इसे रद्द करने, और पुराने पावर फैक्टर प्रक्रिया को पुनःलागू करने के लिए मांग की है। वहीं शोएब गुडडू ने कहा है कि महावितरण ने जो पावर फैक्टर पर जो पेनाल्टी लगाई गई है इससे महाराष्ट्र के सभी बिजली उपभोक्ताओं को विशेष रूप से भिवंडी के पावरलूम उद्योग पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है।भिवंडी का पावरलूम उद्योग पूर्व कई वर्षों से आर्थिक संकट व मंदी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा है।अब पावर फैक्टर के गिनती में लागू की गई पेनाल्टी से यहां के एक लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को गंभीर रूप से वित्तीय समस्याओं में डाल दिया है । उन्होंने कहा कि इससे पहले पावर फैक्टर के इंसेंटिव / पेनाल्टी के प्रतिशत और पावर फैक्टर पर Lag गिनती के समय विचार किया जाता था, जबकि नए टैरिफ के अनुसार अब पावर फैक्टर दोनों Lag और Lead को गिना जा रहा है। महावितरण ने अपने उपभोक्ताओं को इस प्रणाली के बारे में जानने का समय नहीं देते हुए इसे लागू कर दिया है।जबकि MSEDCL ने केवल एचटी उपभोक्ताओं के लिए इस प्रक्रिया की सिफारिश की थी , लेकिन महाराष्ट्र इलेक्ट्री सिटी नियामक आयोग (एमईआरसी) ने इसे एचटी और एलटी दोनों प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए लागू कर दिया है। यह पूर्ण रूप से उपभोक्ताओं के साथ घोर अन्याय है । उपभोक्ता इसे मैनटैन नहीं कर पाएंगे। शोएब गुड्डू ने कहा कि पूरे राज्य के पावरलूम उद्योग स्माल स्केल उद्योग की श्रेणी में आते हैं । पावर फैक्टर को नियंत्रण में रखने के लिए, एपीएफसी की आवश्यकता है परंतु वह काफी महंगा है जो आर्थिक मंदी के कारण उपभोक्ताओं के लिए खरीदना भी संभव नहीं है तथा बाजार में आसानी से उपलब्ध भी नहीं होता है, इसलिए KVAMD को वापस उसके पुराने रेट पर लाया जाए। शोएब गुड्डू ने अपनी याचिका में पावर फैक्टर की पेनाल्टी करने की गिनती की प्रणाली पर संशोधित करने , जब तक सभी उपभोक्ताओं के लिए नियंत्रण कक्ष उपलब्ध नहीं होता, उस समय तक जब तक राज्य के सभी बिजली मीटर Lag और Lead में Display नहीं दिखाया जाए तब तक के लिए , पावर फैक्टर की गिनती को पुरानी प्रणाली को पुनः बहाल करने की मांग की है।
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