राज्य परिवहन विभाग में हडकंप ,उपायुक्त अरुण भालचंद्र निलंबित

भिवंडी ।। महाराष्ट्र राज्य के परिवहन विभाग के उपायुक्त अरुण भालचंद्र के विरुद्ध मनमानी व भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर राज्य के गृह विभाग  ( परिवहन )ने इनके विरुुद्ध निलंबन कार्रवाई की है। उक्त उच्चस्तरीय निलंबन कार्रवाई किए जाने के कारण परिवहन विभाग में हडकंप मचा हुआ है।उल्लेखनीय है कि अरुण नारायण भालचंद्र जो राज्य शासन के परिवहन आयुक्त कार्यालय में परिवहन उपायुक्त ( प्रशासन ) के पद पर कार्यरत थे। महाराष्ट्र राज्य परिवहन सेवा का कार्यभार परिवहन आयुक्त कार्यालय की देखरेख में किया जाता है। परंतु अरुण भालचंद्र  परिवहन उपायुक्त  पद पर कार्यरत रहते हुए इन्होंने शासन के नियमानुसार सेवा प्रवेश करते हुए अपनी संपत्ति का विवरण पत्र एवं नियमकालिक विवरण पत्र शासन के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया था।इसी प्रकार परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण व बल देने का काम अरुण भालचंद्र कर रहे थे। महाराष्ट्र राज्य के कार्यक्षेत्र में अवैध प्रवासी वाहतूक,बालपोषण अधिभार वसूल न करना,सीमा जांच नाके पर बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार,बोगस ऑटो रिक्शा व परमिट घोटाला,रास्ता सुरक्षा अभियान में  अनियमितता,शासन का मुद्रांक महसूल का नुकसान करना,ट्रान्सपोर्ट कंपनियों को परवानगी देने बाबत उदासीनता,आर.टी.ओ कार्यालय के तिमाही लेखा परीक्षण करने के लिए टालमटोल करना,ओवरलोड यातायात के विरुद्ध कार्रवाई न करना एवं सभी महत्व बाब जैसे वाहनों की योग्यता प्रमाणपत्र देते समय शासन के नियमों की सही तरीके जांच न करते हुए  आर्थिक लाभ के लिए बोगस प्रमाण पत्र जारी कर शासन के नियमों को भंग करना,मा.उच्च न्यायालय की दिशाभूल करने जैसे प्रकरण में उपायुक्त अरुण भालचंद्र का गंभीर सहभागी होने का मामला प्रकाश में आया है। इस भ्रष्ट कार्यभार बाबत राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद धुमाल ने राज्य व केंद्र सरकार के समक्ष लिखित शिकायत पत्र देकर  कार्रवाई की मांग की थी।जिसके उपरांत अरुण भालचंद्र को महाराष्ट्र शासन के गृह ( परिवहन ) विभाग के अप्पर सचिव डी.एच.कदम ने शासन आदेशानुसार निलंबित किया है। उक्त उच्चस्तरीय परिवहन अधिकारी को निलंबित किए जाने के पश्चात  परिवहन विभाग के अन्य भ्रष्टाचार अधिकारी व कर्मचारियों में हडकंप मचा हुआ है। उक्त कार्रवाई पर
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शरद धुमाल ने कहा कि यह हक व न्याय की जीत है और भ्रष्टाचार की हार। 

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