विधायक के बाद अब सांसद का दौरा, फिर भी नालों की हालत जस की तस

नाला सफाई पर सियासत गरम, फिर डूबी तो जिम्मेदार कौन ?

भिवंडी | मानसून से पहले भिवंडी में नाला सफाई को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। बीते दिनों जहां सपा विधायक रईस कासम शेख ने अधिकारियों को फटकार लगाई, वहीं अब सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा ने सोमवार को कई इलाकों का दौरा कर नाला सफाई कार्यों की हकीकत जानी। सांसद ने सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि "हर साल बरसात आती है, हर साल टेंडर निकलता है, और हर बार सिर्फ दिखावा होता है। ठेकेदार भुगतान लेते हैं, अधिकारी वेतन लेते हैं, लेकिन शहर की हालत वैसी की वैसी रहती है। अगर इस बार भी भिवंडी पानी में डूबी, तो ज़िम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।"

गौरतलब हो कि भिवंडी मनपा ने इस वर्ष कुल 135 नालों की सफाई के लिए 2 करोड़ 27 लाख 97 हजार 136 रुपये का ठेका जारी किया है। पिछली बार की तुलना में यह राशि 5.60 लाख रुपये अधिक है। पिछले वर्षों में जहां 92 नालों का रिकॉर्ड था, अब यह संख्या बढ़कर 135 हो गई है। सवाल यह है कि ये 43 नए नाले कहां हैं ? प्रशासन अभी तक इस सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दे सका है, जिससे आंकड़ों में गड़बड़ी का संदेह और गहराता जा रहा है। सांसद म्हात्रे ने कहा कि नाला सफाई हर साल खानापूर्ति बनकर रह जाती है। "यहां के कुछ ठेकेदार और अधिकारी ही भिवंडी को गंदी सिटी बनाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। यहां आईएएस अधिकारी आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन स्थानीय कर्मचारी आज भी वहीं जमे हैं और वही हालात बने हुए हैं।" चौंकाने वाली बात यह रही कि सांसद के दौरे में कुछ पुराने ठेकेदार भी दिखाई दिए, जिन्हें लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। शहर के दक्ष नागरिकों की माने तो बरसात सिर पर है, और नाला सफाई की प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नेता निरीक्षण कर रहे हैं, अधिकारी आंकड़े दे रहे है, लेकिन ज़मीन पर गंदगी जस की तस है। अगर इस साल भी भिवंडी पानी में डूबी, तो क्या कोई ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा ?

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट