
नहर में बेशर्मी (बेहया) का पहरा, किसान पानी को तरसे विभाग मौन
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Jul 16, 2025
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जिला संवाददाता संदीप कुमार की रिपोर्ट
कैमूर-- भभुआं प्रखंड के मौजा घूरहूचक सहित ओदार,विरो, कर्णपुरा, बड़का कझार, खैरा में नहर के होते हुए भी किसान सिंचाई के लिए पानी को मोहताज हैं। इसका कारण कोई सूखा या नहर में पानी की कमी नहीं, बल्कि नहर में चारों तरफ बड़े पैमाने पर उग आया बेशर्मी (बेहया) का पौधा है। इस घने पौधे ने नहर के बहाव को पूरी तरह से रोक दिया है, जिससे किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। स्थिति यह है कि धान की रोपाई का समय आने के साथ ही किसानों की चिंता बढ़ गया है, किसानों द्वारा विभाग की ओर से गंभीर समस्या पर भी चुप्पी साधने का आरोप लगाया गया।
कुदरा प्रखंड के भाजपा कुदरा प्रखंड उपाध्यक्ष किसान राकेश सिंह सहित ओदार मौजा के किसान कमलेश कुमार, बम्बई इत्यादि का कहना है कि उन्होंने कई बार इस समस्या से स्थानीय अधिकारियों को लगातार तीन बरसों से अवगत कराया जा रहा है, लेकिन उनकी गुहार पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। बेशर्मी के पौधे, जिन्हें बेहया भी कहा जाता है, बहुत तेजी से फैलता हैं, और जल स्रोतों को अवरुद्ध करने के लिए जाना जाता हैं, जिससे की पानी रूकावट के कारण नहर का मेढ़ तोड़कर जहां तहां बह जा रहा है।किसानों ने बताया कि हर साल यह समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन इस बार स्थिति ज्यादा गंभीर है। नहर पूरी तरह से इन पौधों से अटी पड़ी है, जिससे पानी का आगे बढ़ना नामुमकिन हो गया है। इस मामले में जब सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। यह स्थिति तब है जब कैमूर जिले में अक्सर सिंचाई संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं, और किसान समय पर पानी न मिलने से परेशान रहते हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नहर की सफाई नहीं की गई और पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो वो आंदोलन को बाध्य होंगे।
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