भिवंडी की सड़कों से 'गायब' फुटपाथ! रोज़ हो रहे हादसे — जिम्मेदार कौन?

भिवंडी। भिवंडी- निजामपुर शहर महानगर पालिका क्षेत्र में सड़कों से फुटपाथ मानो ग़ायब हो चुके हैं। जहां होने चाहिए थे पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित रास्ते, वहां या तो गड्ढे हैं, या फिर अवैध अतिक्रमण से जर्जर हालात। नतीजा—रोज़ सड़क हादसे, घायल लोग, और प्रशासनिक चुप्पी।

हर वर्ष करोड़ों रुपये पेवर ब्लॉक और पदचारी मार्गों के नाम पर खर्च किए जाते हैं, इसके लिए पालिका प्रशासन के अलावा विधायक व सांसद के फंड भी इस्तेमाल किये जाते हैं। लेकिन ज़मीनी हालात इसके ठीक उलट कहानी बयां करते हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि योजनाएं सिर्फ़ कागज़ों पर बनती हैं, जबकि हकीकत में न तो फुटपाथ बनते हैं, और न ही मौजूदा फुटपाथों की मरम्मत की जाती है।

अतिक्रमण अधिकारी या ठेला अधिकारी ?

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक़, अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी निभा रहे शहर विकास अधिकारी अब 'तीन बत्ती का ठेला अधिकारी' बन गए हैं। आरोप है कि फुटपाथ और सड़कों पर खड़े ठेला और फेरीवालों से हर माह 'दरमाह' वसूली की जाती है और यह पैसा आखिरकार किसकी जेब में जा रहा है, यह रहस्य बना हुआ है।

सवाल उठते हैं — जवाब कौन देगा ?

करोड़ों का बजट पास होता है, फिर फुटपाथ कहां हैं ?

ठेकेदारों को भुगतान हो रहा है — क्या उन्होंने वास्तव में कोई काम किया ?

सड़क किनारे अतिक्रमण क्यों नहीं हट रहा ?

हर साल पेवर ब्लॉक के नाम पर हो रहे काम की गुणवत्ता की निगरानी कौन करता है  ?

स्थानीय समाजसेवी संगठनों और नागरिकों ने मांग की है कि महानगर पालिका के कार्यों की स्वतंत्र ऑडिट करवाई जाए, और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता

भिवंडी की जनता अब जागरूक हो रही है। सोशल मीडिया, पत्र-पत्रिकाओं और प्रदर्शन के माध्यम से नागरिक सवाल पूछ रहे हैं। यह साफ़ संकेत है कि अब आंखें मूंद लेने का ज़माना नहीं रहा।

इस मुद्दे पर कई पत्रकार,समाजसेवी सहित अन्य लोगों लगातार पैनी नजर रखते हुए जनता की आवाज़ को प्रशासन तक पहुंचाते रहेगें।

रिपोर्टर

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