
भिवंडी के महा रक्तदान शिविर में 507 रक्तदाताओं ने किया रक्तदान
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Sep 01, 2025
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रक्तदाताओं का 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा
भिवंडी। भिवंडी शहर में एकता के राजा के रूप में जाना जाने वाला धामणकर नाका मित्र मंडल सार्वजनिक गणेशोत्सव के दौरान विभिन्न सामाजिक कल्याण गतिविधियों का आयोजन करता है और यह त्योहार एक ऐसे गणेशोत्सव के रूप में जाना जाता है जो सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि एक सामाजिक आयोजन भी है। पिछले छह वर्षों से, धामणकर नाका मित्र मंडल के संस्थापक अध्यक्ष संतोष शेट्टी की अवधारणा पर गणेशोत्सव के दौरान एक बड़ा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया है। इस वर्ष, रविवार को मुंबादेवी ब्लड और थैलेसीमिया डे केयर सेंटर के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। सुबह के सत्र में, भारतीय सेना के सैनिकों और पूर्व सैनिकों ने सबसे पहले रक्तदान किया और शिविर का उद्घाटन संतोष शेट्टी ने किया। इस अवसर पर, मंडल के प्रमुख पदाधिकारी, हसमुख पटेल, दिलीप पोद्दार, मोहन बल्लेवार, आयोजन समिति के राकेश पटवारी, चंद्रकांत हेगड़े, भिवंडी वॉरियर्स ग्रुप के फूलसिंह सोलंकी, सूरज भागवत और उनके सैनिक साथी उपस्थित थे।शाम तक चले इस रक्तदान शिविर में 507 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। खास बात यह है कि इन सभी रक्तदाताओं को धामनकर नाका मित्र मंडल की ओर से भारतीय डाक विभाग की ओर से 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा देकर सम्मानित किया गया है। इस अनूठी अवधारणा के कारण, इस रक्तदान शिविर को रक्तदाताओं से सहज प्रतिक्रिया मिली, जिसमें महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।शाम तक चले इस रक्तदान शिविर में 507 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। समय के अभाव के कारण बहुत इच्छुक दानदाता को वापस जाना पड़ा। खास बात यह है कि इन सभी रक्तदाताओं को धामनकर नाका मित्र मंडल की ओर से भारतीय डाक विभाग की ओर से 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा देकर सम्मानित किया गया है। इस अनूठी अवधारणा के कारण, इस रक्तदान शिविर को रक्तदाताओं से सहज प्रतिक्रिया मिली, जिसमें महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। इस अवसर पर मंडल के संस्थापक अध्यक्ष संतोष शेट्टी ने पत्रकारों से कहा कि सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं आम जनता तक नहीं पहुंच पाती हैं। मंडल ने इस रक्तदान शिविर के माध्यम से रक्तदाताओं के लिए जहां दुर्घटना बीमा निकाला, वहीं उनके डाकघर के खातों में भी इसी माध्यम से उनके बैंक खाते खोले गए हैं। जिससे भविष्य में रक्तदाताओं को बचत करने की आदत भी पड़ेगी।
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