भिवंडी में प्लास्टिक बैन फेल, वसूली गैंग ने बनाया धंधा

भिवंडी। भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र में लागू प्लास्टिक बैन पूरी तरह कागजों तक सीमित होकर रह गया है। बाजारों में खुलेआम प्लास्टिक की थैलियां, कप, थर्माकोल समेत प्रतिबंधित सामान बिक रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पालिका अधिकारियों की मिलीभगत से हफ्ता लेकर यह कारोबार धड़ल्ले से जारी है। वहीं आसपास के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में प्लास्टिक निर्माण प्लांट चल रहे हैं, जिनसे शहर में बड़ी सप्लाई की जाती है। प्लास्टिक पर रोक लागू करने का जिम्मा निजी ठेकेदार मे. रेयान एंटरप्राइज को दिया गया था, लेकिन यह कंपनी कार्रवाई से ज्यादा वसूली का अड्डा बन चुकी है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने 25 लोगों की टीम खड़ी कर रखी है, जो अवैध बांधकाम और छोटे कारखानों पर कार्रवाई का डर दिखाकर जबरन वसूली करती है। जिन थोक दुकानों पर कार्रवाई होनी चाहिए, उन्हें पैसा लेकर बचाया जा रहा है। इस नेटवर्क से हर महीने लाखों रुपये की काली कमाई होने का आरोप है। सबसे गंभीर हालात तब बने जब नागरिकों ने प्रतिबंधित काली-पीली प्लास्टिक थैलियों में घर का कचरा भरकर फेंकना शुरू कर दिया। कचरा संकलन केंद्रों पर अब ढेरों प्लास्टिक जमा हो रहा है, जिससे पर्यावरण और पशुओं पर संकट गहराता जा रहा है। इधर, ठेकेदार का कॉन्ट्रैक्ट 29 सितंबर को खत्म हो रहा है, जिसके चलते वसूली की रफ्तार और तेज हो गई है। एक साइजिंग कंपनी मालिक ने बताया कि टीम ने 5 हजार रुपये का दंड नकद मांगा और रसीद देने से इनकार कर दिया। पालिका के बैंक खाते की जानकारी भी देने से मना कर दिया गया। नागरिकों का आरोप है कि आरोग्य व स्वच्छता विभाग जानबूझकर ठेका बढ़ा रहा है, क्योंकि यह कंपनी अधिकारियों के लिए "फ्री की दूध देने वाली गाय" बन चुकी है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ठेकेदार और भ्रष्ट अधिकारियों पर पुलिस में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। शहर अब बदलाव और जवाबदेही की मांग कर रहा है।

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