भिवंडी में सड़क रुंदीकरण पर घमासान तेज

संघर्ष समिति के शिष्टमंडल ने विधान परिषद के माजी विरोधी पक्ष नेता अम्बादास दानवे से की मुलाकात


भिवंडी। भिवंडी–निजामपुर शहर महानगरपालिका द्वारा प्रस्तावित सड़क रुंदीकरण को लेकर चल रहे विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कल्याण रोड व्यापारी व रहिवासी संघर्ष समिति के शिष्टमंडल ने माजी सांसद सैयद इम्तियाज जलील के सहयोग से गुरुवार को महाराष्ट्र विधान परिषद के माजी विरोधी पक्ष नेता अम्बादास दानवे से उनके निवास पर मुलाकात कर पूरे मामले से अवगत कराया और विस्तृत ज्ञापन सौंपा।

शिष्टमंडल ने दानवे को बताया कि सड़क रुंदीकरण के लिए जिन नोटिसों में विकास योजना (डीपी) का हवाला दिया जा रहा है, वह वर्ष 2023 की है, जो अब तक महाराष्ट्र शासन से मंजूर ही नहीं हुई है। इसके बावजूद उसी के आधार पर नागरिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। संघर्ष समिति ने यह भी सवाल उठाया कि नोटिस में मेट्रो परियोजना का उल्लेख होने के बावजूद यदि यह इलाका एमएमआरडीए के अंतर्गत आता है तो पुनर्वसन योजना को लागू करने से भिवंडी मनपा क्यों बच रही है। अंजूर फाटा से 36 मीटर सड़क रुंदीकरण शुरू कर दिया गया है, जबकि इससे पहले कशेली–पुरना–कालहेर मार्ग और आगे तक का मार्ग 30 मीटर निर्धारित है। बीच के हिस्से को 6 मीटर अतिरिक्त तोड़ा जाना कथित तौर पर बिल्डर हितों को साधने का प्रयास बताया गया।

राजीव गांधी चौक से टेमघर मार्ग को भी 2023 के डीपी में 36 मीटर दर्शाया गया है, जबकि इसी मार्ग पर धार्मिक स्थलों और हजारों नागरिकों को बेघर होने से बचाने के लिए राज्य सरकार मेट्रो परियोजना को भूमिगत करने पर 1700 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने का निर्णय ले चुकी है। इसके बावजूद सड़क रुंदीकरण की कार्यवाही को लेकर भी आपत्ति जताई गई।

संघर्ष समिति ने बताया कि राजीव गांधी चौक–टेमघर मार्ग को 36 मीटर करने के प्रस्ताव पर स्थानीय नागरिकों द्वारा 6,222 आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं, लेकिन प्रशासक द्वारा उनमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया। वहीं दूसरी ओर, उसी मार्ग पर डांडेकर कंपनी परिसर स्थित रिलायंस प्रोग्रेसिव ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित भूमि का रिज़र्वेशन केवल एक आपत्ति के आधार पर इंडस्ट्रियल से कॉमर्शियल ज़ोन में बदल दिया गया, जिसे चयनात्मक निर्णय बताया गया। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि भिवंडी मनपा प्रशासक बिल्डर हितों को प्राथमिकता देते हुए मनमानी और गैर-कानूनी तरीके से कार्यवाही कर रहे हैं। शिष्टमंडल की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अम्बादास दानवे ने आश्वासन दिया कि वह इस विषय में सभी संबंधित विभागों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करेंगे और आगामी विधान परिषद सत्र में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे।

इस दौरान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शादाब उस्मानी, महासचिव राम लाहारे, दिन मोहम्मद खान, एडवोकेट राकेश पाल, सुधाकर आंचन और अनिल बाबर मौजूद रहे।

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