भिवंडी में फिर बिका जर्जर स्कूल का मलबा, ठेकेदार–अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Dec 09, 2025
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करोड़ों की सरकारी संपत्ति लाखों में ठिकाने लगाने का खेल, शिवसेना नेता ने आयुक्त से की शिकायत
भिवंडी। भिवंडी शहर में नागरिक और शासकीय जर्जर इमारतों का ध्वस्तीकरण अब विकास नहीं, बल्कि कुछ ठेकेदारों और मनपा अधिकारियों के लिए मोटी कमाई का जरिया बनता जा रहा है। आरोप है कि करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी संपत्ति का जानबूझकर कम मूल्यांकन कर उसे चंद लाखों में बेच दिया जा रहा है। बार-बार ऐसे मामले सामने आने के बावजूद न तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होती है और न ही ठेकेदारों पर कोई अंकुश लगाया जा रहा है।इस गंभीर मामले को लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) के सचिव, भिवंडी पूर्व गोकुल कदम ने मनपा आयुक्त अनमोल सागर को निवेदन पत्र सौंपते हुए सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका के स्वामित्व वाले पालिका स्कूल क्रमांक 7, 8, 11, 27 और 29 को प्रशासन ने जर्जर व धोकादायक घोषित कर छात्रों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था। इसके बाद इन स्कूलों की संपत्ति पर भंगार माफिया की नजर पड़ गई। गोकुल कदम के अनुसार हाल ही में इन्हीं स्कूलों के खिड़की-दरवाजे भंगार माफिया द्वारा टेंपो में भरकर चोरी किए जाने का मामला सामने आया था, जिसकी शिकायत पूर्व नगरसेवक फराज बाबा ने मनपा प्रशासन से की थी। कदम का दावा है कि संबंधित स्कूल परिसर में करीब 70 से 80 लाख रुपये मूल्य का स्टील, लकड़ी, लोहा और अन्य मलबा मौजूद है,आरोप है कि मनपा प्रभाग समिति क्रमांक पांच के सहायक आयुक्त सईद चुवणे ने पाइप लाइन लकड़ा मार्केट के इंसान अहमद खुशरजा खान नामक ठेकेदार को यह बहुमूल्य मलबा मात्र 5.89 लाख रुपये में बेच दिया। इतना ही नहीं, ठेकेदार से केवल 52 प्रतिशत राशि यानी 3 लाख 06 हजार 280 रुपये मनपा के लेखा विभाग में जमा कराकर इमारत ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया गया। गोकुल कदम ने आरोप लगाया है कि संबंधित ठेकेदार एक स्थानीय जनप्रतिनिधि का करीबी है, इसी कारण उसके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से मनपा अधिकारी बचते नजर आ रहे हैं। यही नहीं ठेकेदार का करार नामा फरवरी 2025 को ही समाप्त हो चुका था तब प्रभारी सहायक आयुक्त साईद चिवणे ने 21 नवंबर 2025 को उसी ठेकेदार को ठेका जारी कर दिया है। सूत्रों के अनुसार यही ठेकेदार अवैध और निर्माणाधीन इमारतों को हटाने का ठेका भी संभाल रहा है और भ्रष्ट अधिकारी अपने तथा ठेकेदार के आर्थिक हितों के लिए नागरिक और शासकीय जर्जर इमारतों के ध्वस्तीकरण का खुलेआम दुरुपयोग कर रहे हैं। इस पूरे मामले ने शहर में खलबली मचा दी है। अब यह देखना अहम होगा कि इन गंभीर आरोपों के बाद मनपा प्रशासन केवल फाइलों में जांच का खेल खेलेगा या फिर किसी जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर जनता के सामने सच्चाई लायी जायेगी।
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ठेकेदार का ठेका मुद्दत समाप्त हो चुका है। इस बारे में जानकारी मुझे नहीं है। सभी प्रभाग समितियों द्वारा उसी ठेकेदार का दिया जा रहा है। किन्तु आयुक्त व उपायुक्त का किसी प्रकार का लिखित आदेश नहीं है।
सईद चिवणे
प्रभारी सहायक आयुक्त
प्रभाग समिति क्रमांक 05


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