भिवंडी में राशन दुकानों पर नियमों की अनदेखी, कार्रवाई के बजाय करते हैं शिकायत का इंतजार
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Dec 18, 2025
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भिवंडी। भिवंडी शहर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत संचालित सरकारी राशन दुकानों में बड़े पैमाने पर नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आ रहा है। भिवंडी 37-एफ शिधावाटप कार्यालय के अंतर्गत आने वाली सैकड़ों राशन दुकानों में कई संचालक खुलेआम नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी स्वतः कार्रवाई करने के बजाय शिकायत या आवेदन का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों और लाभार्थियों का आरोप है कि भिवंडी 37-एफ शिधावाटप कार्यालय के अंतर्गत लगभग 150 से अधिक राशन दुकानें संचालित हो रही हैं। इनमें से कई दुकानें अवैध रूप से किराये पर दी गई हैं, जहां मूल लाइसेंसधारक के स्थान पर अन्य व्यक्ति दुकान चला रहे हैं। इसके अलावा अनेक राशन दुकानें निर्धारित समय पर न तो खुलती हैं और न ही समय पर बंद होती हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद लाभार्थियों को समय पर अनाज प्राप्त नहीं हो पा रहा है।
जब इन अनियमितताओं की जानकारी शिधावाटप अधिकारी रत्नदीप सावंत को दी गई, तो उन्होंने दुकानों का निरीक्षण करने के बजाय सूचनादाता से पहले लिखित आवेदन या जानकारी देने को कहा। अधिकारी के इस रवैये से कई सवाल खड़े हो गए हैं। लाभार्थियों का कहना है कि राशन दुकानदारों और विभागीय अधिकारियों के बीच कथित सांठगांठ के चलते कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे शिकायत करने वालों को केवल कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
जानकारी के अनुसार, भिवंडी 37-एफ कार्यालय के अंतर्गत करीब 180 राशन दुकानें हैं, जिनकी निगरानी के लिए 10 से 11 एरिया इंस्पेक्टर (आरआई) नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक आरआई को औसतन 15 राशन दुकानों का नियमित निरीक्षण कर अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बावजूद राशन दुकानों का अनियमित रूप से खुलना, घटिया गुणवत्ता का अनाज वितरण, नापतौल में गड़बड़ी और समय पर सामग्री उपलब्ध न होना जैसी गंभीर समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं।
लाभार्थियों का आरोप है कि निरीक्षण और कार्रवाई की जिम्मेदारी निभाने के बजाय अधिकारी केवल शिकायत या आवेदन का इंतजार करते हैं। इससे न केवल राशन दुकानदारों के हौसले बढ़ रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि राशन दुकानों का नियमित निरीक्षण कर दोषी संचालकों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास बहाल हो सके।


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