बुलेट ट्रेन परियोजना को लगा ब्रेक,जमीन सर्वे करने पहुंची टीम को ग्रामीणों ने रोका.।

पालघर.। मोदीजी का ड्रीमप्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन परियोजना को रफ्तार देने के लिए बनाई गयी नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड(एन.एच.एस.आर. सी.एल.)द्वारा फिर से जिले के बोईसर पूर्व अधिग्रहण सर्वे हेतु पहुंची टीम को मंगलवार को स्थानीय ग्रामीणों ने गलत ठहराते हुए जमीन अधिग्रहण सर्वे को रोक दिया।

      मिल रही जानकारी के मुताबिक स्थानीय किसानों ने बुलेट परियोजना के किसान विरोधी,अनुचित तथा सर्वे को गैरकानूनी बताया है। उनका कहना है कि स्थानिकों से राय शुमारी किये बिना परियोजना से जुड़ी टीम चोरी-छिपे सर्वे कर रही है।

        किसानों की अगुवाई कर रहे किसान नेता प्रवीण पाटील समेत बुलेट ट्रेन विरोधी आंदोलन कर्ताओं के नेत्रृत्व कर्ता कालूराम धोड़े (काका),आदिवासी एकता परिषद के पालघर तालुकाध्यक्ष अशोक ठाकरे, मान ग्रामपंचायत के सरपंच मोरेश्वर, मंगेश दुबला समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं किसानों ने मौके पर पहुंच कर सर्वे का कार्य एक बार फिर रोक दिया है।"एक धक्का और दो-  बुलेट ट्रेन फेंक दो" कहतें हुए घंटों नारेबाजी करते रहे.। बाद में पुलिस द्वारा मानमनौव्वल कराया गया।

         उक्त आशय की जानकारी भूमि पुत्र बचाव आंदोलन के शशी सोनवणे ने मीडिया को देते हुए कहा कि किसानों के हित के लिए सही फैसले तक उनका प्रतिकात्मक विरोध जारी रहेगा।

          एक जानकारी के लिए बताते चलें कि मुबंई से अहमदाबाद के बीच508किमी.लम्बा मोदीजी का ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह 320 किमी.प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हुए 1.8 लाख करोड़ लागत की खर्च वाली 47 ब्रिज 8 भूमिगत मार्ग के रास्ते अ़ंर्तराज्यीय 12 स्टेशनों से होकर गुजरेगी.। जिसके लिए 1400 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। यहीं नहीं मुबंई से अहमदाबाद की समूची दुरी 2घंटे 7 मिनट में पूरी करेगीं।

रिपोर्टर

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