आखिरकार दम तोड़ ही दिया जेई ने

वाराणसी । लंका-रविंद्रपुरी मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास कार्य के दौरान हफ्तेभर पहले मनबढ़ों के हमले में घायल जल निगम (पेयजल) के अवर अभियंता सुशील कुमार गुप्ता की मंगलवार की दोपहर मौत हो गयी। जेई का इलाज दिल्ली स्थित एम्स में चल रहा था। बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में हालत बिगड़ने पर शनिवार को एम्स भेजा गया था। पांच जून को जेई अपने ठेकेदारों व जेई के साथ पेयजल पाइप लाइन की टेस्टिंग के लिए सड़क की खुदाई करा रहे थे। लंका से रविंद्रपुरी को जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग कर कार्य चल रहा था। रात डेढ़ बजे बाइक से पहुंचे दर्जनभर युवकों बैरिकेडिंग हटाने का दबाव बनाया। इनकार करने पर युवकों ने लाठी-डंडे, राड व फावड़े से हमलाकर जेई के साथ ही ठेकेदार भूपेंद्र सिंह व कमलेश सिंह को घायल कर भाग निकले। हमले में तीन घायलों को कर्मचारियों की मदद से बीएचयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया। जेई के सिर में फॉवड़े के गंभीर चोट से उसकी हालत गंभीर बनती गयी। अंतत: अस्पताल प्रशासन ने एम्स के लिए रेफर कर दिया। जिला प्रशासन के सहयोग से नौ जून को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली पहुंचाया गया। हालांकि देर रात में वहां के डॉक्टरों ने हालत गंभीर देख वेंटीलेटर पर रख इलाज शुरू कर दिया। पिछले चार दिनों से मौत से जूझ रहे जेई ने अंतिम सांस ली। जेई सुशील कुमार गुप्ता मूलत: लालपुर, गोपीगंज भदोही के रहने वाले थे। दोपहर बाद जेई की मौत की सूचना के बाद जलनिगम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, जलकल एवं नगर निगम के कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गयी। कबीरनगर स्थित जल निगम कार्यालय में अभियंताओं व कर्मचारियों ने शोकसभा की। उन्होंने कैंडिल जलाकर मौन रखा। कर्मचारियों ने मांग की है कि सीएम के दिए आश्वासन के मुताबिक परिजनों को एक करोड़ आर्थिक मदद और जेई को शहीद घोषित किया जाए।

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