जिले में महाकाल के महाशिवरात्रि पर संजने लगी शिवालय

पालघर । महाशिव औघड़ दानी,कल्याण के देवता माने गये है। मान्यता है श्रृष्टि निर्माण में एक ही शक्ति तीन रूपों में कार्य संपादित करती है।जहां ब्रह्मा श्रृष्टि का निर्माण विष्णु श्रृष्टि का पालन पोषण और महादेव संहार करते है।निर्माण से संहार तक का पूरा चक्र परम सत्ता की ओर से निरंतर चलता आ रहा है।

 हिन्दुओं मान्यताओं में संपूर्ण देश एवं विदेश में महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मनायी जाती है। भगवान शंकर इस चतुर्दशी के स्वामी कहे गये है। इस दिन चंद्रमा सूर्य के अधिक निकट होता है। समस्त भूतों का अस्तित्व मिटाकर परमात्मा (शिव) ओंकारेश्वर से आत्मसाधना करने की रात शिवरात्रि कहलाती है। महा शिवरात्रि पर महाकाल के आराधना का बड़ा महत्व है। महाशिवरात्रि पर विल्वपत्रों एवं धर्तूर,मर्दार के साथ जलाभिषेक करके हर-हर महादेव बोलते हुए महादेव साथ मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है।

 जिले में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में सभी शिवालयों को रंग -रोदन करते हुए संजाने का कार्य शुरू किया जा रहा हैं। साफ-सफाई एवं महाशिवरात्रि पर आने वाले शिव भक्तों के रेला के लिए विशेष प्रंबध किये गये है। स्थानीय समाजसेवीयों की ओर से हवन पूजन संकीर्तन,अखंड रामायण पाठ एवं महाप्रसाद के साथ पुलिस की  भी बंदोबस्त सुरक्षा के दृष्टिकोण से हो रहे है।

पालघर जिला मुख्यालय के मंदिरों समते ग्रामीण भूभाग के प्राचीन मंदिरों में इस अवसर पर भारी भीड़ उषाकाल से हरहर महादेव की नारे घंटा घड़ियाल के गूँज से गुंजयमान रहती हैं। औद्योगिक शहर बोईसर के अति प्राचीन कामतेश्वर मंदिर को पूरी तरह से भव्य रूप देने का भरपूर प्रयास हो रहा है। इसकी जानकारी देते हुए  मंदिर ट्रस्टीयों में विजय पाठक   प्राचीन मंदिर के इतिहास एवं आस्था विश्वास का मूर्त रूप मानते है।जो सर्व विदीत है।श्रीराममंदिर बोईसर नावापूर रोड शवरी होटल के सामने ट्रस्टी बच्चन(काका) शुक्ला के अगुवाई में महादेव के गर्भ गृह को फुलों के झांलरों से संजाने हेतु कर्मयोगी कार्यकर्ताओं की टीम लगी हुई है।

धनानीनगर बोईसर पूर्व महेश्वर महादेव मंदिर जिसकी प्राणप्रतिष्ठा 2005 फरवरी में संपन्न हुई के पूरोहित पं.अरुण तिवारी(करिया बाबा) के अनुसार इस मंदिर का स्थानिकों में बड़ी श्रद्धा रही है। हमेशा की तरह सुबह से शुरू हुई महाकाल के दर्शनार्थियों की कतारें शाम तक टस से मस नही होती है। इसी तरह शिवाजी नगर सालवड़ ग्रामपंचायत के शिवभक्त एल.पी.सिंह बताते है कि पन्द्रह वर्ष पुरानी श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में आस्थावान शिवभक्तों की टोली जलाभिषेक के लिए दिनभर आती रहती हैं।

बहुतायत से उत्तर भारतीयों की बड़ी तादाद वाले ईन ईलाके की महिलाओं सहित पुरुषों की आस्था इस मंदिर से काफी अद्वितीय रही है। इस अवसर पर हमेशा अखंड रामायण पाठ,संकीर्तन, एवं महाप्रसाद की व्यवस्था अनवरत इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए समाजसेवीयों की ओर से रहती है।

रिपोर्टर

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