सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दरकार

राजस्थान के 23 जिलों में हुए सर्वे में हुआ खुलासा


सर्वे रिपोर्ट केंद्र  राज्य सरकार को सौंपेंगी सुमा

जयपुर।। 
राजस्थान में बुनियादी सुविधाओं और आवश्यक कुशल  महिला कर्मचारियों की सेवा के लिए जागरूकता पैदा हो रही है खास बात तो यह है कि इन बुनियादी सुविधाओं के लिए  महिलाएं अधिक जागरूक लग रही हैएक अध्ययन में पाया  गया है किमहिलाओं में स्वास्थ्य  सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ी हैगुणवत्तापूर्ण इन सेवाओं की प्रदायगी के लिए वे पेशवर कर्मचारियों की भीकर रही हैंअध्ययन में इन आवश्यक एवं जीवनदायिनी सेवाओं मेंसुरक्षित मातृत्व के लिए पेशेवर  कर्मचारियों की मांग प्रमुख रूप सेउभर कर सामने आई है।इसके लिए ‘हमारी आवाज सुनो’ नाम सेएक अभियान भी  चलाया जा रहा है।

राजस्थान सुरक्षित मातृत्व गठबंधन यानि व्हाइट रिबन  एलांयस (डब्ल्यूआरएके सदस्य चेतना ने राज्य के विभिन्न जिलों में महिलाओं की इन मांगों पर एक अध्ययन रिपोर्ट  तैयार की है इस गठबंधन को सुमा (राजस्थान सुरक्षित मातृत्व गठबंधननाम सेजाना जाता है। 


इस रिपोर्ट में महिलाओं की अपेक्षाओं की उपलब्धता जैसे  स्वच्छअपेक्षित बुनियादी ढांचे की उपलब्धता,प्रशिक्षित और कुशल सेवा प्रदाताओं और दवाओं की नियमित आपूर्ति पर  उनके विचार लिए गए हैं अध्ययन में पाया गया है कि लगभग आधी महिलाओं (49 प्रतिशत)  की मांग स्वच्छअपेक्षित  बुनियादी ढांचे की उपलब्धताप्रशिक्षित और कुशल सेवा  प्रदाताओं और दवाओं की नियमित आपूर्ति की थी।

सुमा ने महिलाओं को साथ लेकर राजस्थान में प्रजनन और मातृस्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उनकी मांगों का पता  लगाने कीजिम्मेदारी ली है  इस अभियान को ‘हमारी आवाज सुनो’ के तहतराज्य के 23 जिलों में शुरू किया गया है।

अध्ययन में आगे बताया गया है इन महिलाओं में 21 प्रतिशत की मांग समय पर मुफ्त देखभाल और परिवहन की उपलब्धता कीअपनी हकदारी के लिए थीजबकि अन्य 21 प्रतिशत को सम्मानजनक और सम्मानजनक तरीके से व्यवहार करने के प्रावधानों के साथ पर्याप्त और प्रासंगिक जानकारी और  सेवाओं को उनकी जरूरतों अनुसार संवेदनशील तरीके और  बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध कराने की मांग थी।प्रतिशत महिलाओं की अपेक्षाएं अन्य तरह की थी।इनमें बुनियादी नागरिक सुविधाएंआंगनबाड़ी केंद्रों में अच्छीगुणवत्ता वाला भोजनअच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं और  महिलाओं के लिए अलग से विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं दिए  जाने की मांग शामिल थी सुमा राजस्थान सुरक्षित मातृत्व  गठबंधन यानि व्हाइट रिबन एलांयस (डब्ल्यूआरएद्वारा  बुधवार को  जयपुर में सुरक्षित मातृत्व के लिए ‘मातृ स्वास्थ्य  सेवाओं की गुणवत्ता’ पर एक राज्य स्तरीय संवाद आयोजित किया गया जिसमें ‘हमारी अवाज सुनो’ अध्ययन पर एक  रिपोर्ट जारी की गई। 


इस राज्य स्तरीय संवाद में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड  फैमिली वेलफेयर (एसएचआईएफडब्ल्यूकी निदेशक डॉअमिता कश्यपमुख्य अतिथि और इंडिया अमेरिका टुडे की  सलाहकार संपादक शिप्रा माथुर ने विशेष अतिथि के रूप में  भाग लिया।  

इस अवसर पर चेतना की प्रोजेक्ट डायरेक्टर  सुमा   राजस्थान की राज्य समन्वयक स्मिता बाजपेयी ने बताया कि सुमा ने  राजस्थान मेंप्रजनन और मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को  बेहतर बनाने के लिएमहिलाओं के साथ जुडकर उनकी मांगों का पता   लगाने की जिम्मेदारी ली।

उन्होंने कहा कि सुमा ने ‘मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता’  पर उनकी मांग और सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली की अपेक्षाओं को विशेषरूप से जानने के  लिए राजस्थान के 23 जिलों के 239 गांवों कीकुल 6972 महिलाओं से संपर्क किया 


राजस्थान के इन 23 जिलोंमें चूरूझुंझुनूअलवरभरतपुरसीकरजयपुरकरौलीनागौर,जोधपुरबाड़मेरजालौर,   सिरोहीउदयपुरराजसमंदडूंगरपुर,प्रतापगढ़चित्तौडगढ़झालावाड़कोटाबूंदीटोंकसवाई माधोपुर और अजमेर   शामिल हैं।

 इस दौरान महिलाओं ने अपर्याप्त मानव संसाधनबुनियादी ढांचेऔर खराब चिकित्सा आपूर्ति के संबंध में बात की। बाड़मेर की 34वर्षीय धापू ने गांव में स्वास्थ्य केंद्र हैलेकिन एएनएमकभीकभीआती है उप केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर अपग्रेड कियागया है लेकिन पीएचसी में डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं एम्बुलेंस की कोई सुविधा नहीं है स्वास्थ्य   केंद्रों में बिजलीपानीशौचालयआवास की व्यवस्था होनी   चाहिएजो वहां नहीं हैं स्वास्थ्य केंद्र होनेके बावजूद इलाज की व्यवस्था नहीं है। 

इसी तरहअजमेर की 23 वर्षीय गुड्डी ने कहाजब गांव में कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैतो कोई महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में क्याबात कर सकता हैउन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र बनाएहैं जहां से किसी को बुखार की गोली भी नहीं मिलती है।आशा के पास कुछ भी नहीं हैवह केवल हमारे स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करती है। 

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