चुनावी मौसम में मजदूरों के हितैषी नेता कुकुरमुत्ते के तरह उगते हैं

भिवंडी ।। भिवंडी शहर मजदूर बाहुल्य क्षेत्र है। यहाँ भारी संख्या में पावर लुम से कच्चा कपड़ा बनाने के छोटे छोटे कारखानें है। इन कारखानों में लाखों मजदूर प्रतिदिन काम करते है। इसके साथ यहाँ भारी संख्या में गोदाम‌ व बे हाउस है। इन मजदूरों के वोट बैक में सेंध मारने के लिए राजकीय पक्षों द्वारा नई नई पहल की जा रही है। इन पक्षों द्वारा छुटभैय्या नेताऔ को एजेंट के रुप में इनके बीच छोड़ रखा गया है । इन छुट भैय्या नेताऔ का मुख्य कार्य इनको पटाकर रखना होता है। वही पर मजदूरों में शिक्षा ना होने के कारण समय समय पर इनका व इनके परिवार का शोषण करने की घटनाएं घटित होती रहती है । कुछ पक्षों द्वारा अब नई स्कीम के तहत इनका शोषण किया जा है। गौरतलब हो कि पुरुष मजदूरों को पावरलुम कारखाने में  १२ - १२ घटा काम करने के बजह से समय पर उपलब्ध नहीं हो पाते है। वही पर घर में रहने वाली महिलाएं तथा महिला कामगार आसानी से चुनाव के समय उपलब्ध हो जाती है। इसके कारण इन छुट भैया नेताऔ ने इन घरेलू महिलाओं पर आँखे गड़ाकर रखा है। इन भोली भाली महिलाओं को राजनीति का सपना दिखाकर शोषण करने का धंधा बहुत तेजी से फल फुल रहा है। बता दे कि कुछ राजनीति पार्टियां अपने फायदे के लिए इन महिलाओं का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी के कामगार नेताओं को कामगार कायदा व कारखाना अधिनियम की कोई जानकारी नहीं होती है। इसके साथ ही पक्ष के बनें कामगार नेता खुद अपने यहाँ काम कर रहे मजदूरों का शोषण करते हैं।  परन्तु इस बार मजदूर जागरुकता का परिचय देते हुए इन छुटभैया नेताओं का नकाबपोश उतार फेकने का मन बना लिया हैं। 

रिपोर्टर

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