राथनेट के सहारे खाने की नली से स्टेपलर पिन निकाली

लखनऊ ।। राथनेट का सफल उपयोग करते हुये आठ माह के बच्चे की खाने की नली में फंसी स्टेपलर पिन को सकुशल निकालकर उसे नया जीवन प्रदान किया। बच्चा पूरी एक स्टेपलर पिन का सेट निगल गया और इस बात का पता घरवालों को तब लगा जब उसे खांसी आने लगी। अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक  गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉक्टर दुर्गा प्रसाद ने अपनी टीम के साथ मिल कर सफल उपचार किया |

अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल के कंसलटेंट पीडियाट्रिक गेस्ट्रोलॉजी डॉक्टर दुर्गा प्रसाद ने बताया की, बच्चे को खांसते हुये जब उसकी माँ ने देखा तो उसने खुद ही उसके मुँह में उंगली डालकर मुँह में फंसी चीज को निकालने का प्रयास किया। ऐसे में स्टेपलर पिन का सेट आगे बढ़कर खाने की नली में जा पहुँचा और बच्चे की हालत काफी गंभीर हो गई जिससे उसके मुँह से खून भी आने लगा था।

जब बच्चा आधी रात को अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल लाया गया तो सबसे पहले एक्स-रे कर के पिन की लोकेशन का पता लगाया उसके बाद  इन्डोस्कोपी की गई जिसमें साफ हो गया कि बच्चे  के पेट और खाने की नली में पूरा स्टेपलर का एक सेट फंसा पड़ा है। बच्चे की तकलीफ  का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि वो अपनी माँ का स्तनपान भी नहीं कर पा रहा था। आधे घन्टे चले इस सफल प्रयास में राथनेट ( जो की एक तरह का एंडोस्कोपी का औज़ार है ) के सहारे स्टेपलर पिन का सेट निकाल लिया गया और तीन घन्टे बाद बच्चे ने स्तनपान भी किया। बच्चे को कोई तकलीफ न हो इसके लिये उसे एक दिन के लिये डाक्टर की निगरानी में रखा गया जबकि दूसरे दिन उसे हाँस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट