संतों के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लाकडाउन खुलने पर लाखों नागा साधु करेंगे महाराष्ट्र में मंत्रालय का घेराव - अखाड़ा परिषद

मुंबई ।। महाराष्ट्र में कोरोना के नाम पर धर्म विशेष के लोगों द्वारा जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या किए जाने की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़े शब्दों में निंदा की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से दोनों संतों की हत्या की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है लाक डाउन चल रहा है ऐसे में अगर कोई संत महात्मा ब्रह्मलीन होते हैं तो उस इलाके के ग्रामीण और आसपास के साधु संत ही उनकी समाधि में शामिल हों। उन्होंने कहा है कि बाहरी जिले से साधु-संतों को समाधि में जाने की फिलहाल लाक डाउन तक कोई आवश्यकता नहीं है वही अखाड़ा के जगतगुरु सुर्याचार्य कृष्णदेवनंद गिरी महाराजा ने कहा कि लॉक डाउन के बाद एक लाख नागा साधु मंत्रालय का घेराव करेंगे ।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के दानू तहसील में जूना अखाड़े के दो संत महात्माओं की पुलिस की मौजूदगी में लाठी डंडों से पीट-पीटकर धर्म विशेष के लोगों ने हत्या कर दी। इस घटना के बाद से साधु संतों में काफी नाराजगी है। साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने दोषियों के खिलाफ जांच के बाद सख्त कार्रवाई की मांग की है। महंत नरेंद्र गिरी ने आरोप लगाया है कि कोरोना  के बहाने धर्म विशेष के लोग साधु-संतों से बदला ले रहे हैं। लाक डाउन के खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में संत महात्मा महाराष्ट्र सरकार का घेराव करेंगे और इस पहले हमारे जगद्गुरु सुर्याचार्य कृष्णदेवनंद गिरी महाराजा पर सातारा मे जान लेवा हमले हुवे और उनको भी केन्द्र सरकार का आदेश होते हुए उन्हे अभी तक सुरक्षा इस सरकार ने ना ही दिया ना कॊई कार्यवाही हुईं इन  मामलो में कार्रवाई के लिए दबाव भी बनाएंगे महंत नरेंद्र गिरी ने महाराष्ट्र के सीएम उद्घव ठाकरे से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वही इस मामले में जगतगुरु सुर्याचार्य कृष्णदेवनंद गिरी महाराजा ने एबी न्यूज के संवाददाता से फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि साधुओं की हत्या एक जघन्य अपराध हैं ऐसा कृत्य करनेवाले दोषियों को फाँसी की सजा होनी चाहिए फिलहाल पीएम द्वारा किये गए लॉक डाउन के आदेश का साधु व संतो द्वारा उल्लघन नही किया जाना चाहिए इस वजह से अभी तक साधु व संत समाज कोई कड़े कदम नही उठा रहा है परंतु जैसे ही लॉक डाउन समाप्त हुआ वैसे ही जरूरत पड़ी तो करीबन 1 लाख नागा साधु मंत्रालय का घेराव भी करेंगे और दोषी को बिना सजा दिलाये पीछे नही हटेंगे इससे यह तो समझ मे आ गया कि साधुओं की निर्मम हत्या से जूना अखाड़ा के लोगो मे किस कदर रोष व्याप्त है अब देखना यह है कि सीएम उध्दव ठाकरे साधुओं के हत्यारों पर क्या कठोर कार्यवाई करते है ।

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