नवी मुंबई के गाड दादा गणेश नाइक को नवी मुम्बई का दूसरा शरद पवार क्यो कहा जाता था

नवी मुंबई ।। नवी मुंबई की महानगर पालिका के गठन के साथ ही उस पर गणेश नाईक का ही एक छत्र राज रहा और पिछले 20 साल से नवी मुंबई में उनकी हैसियत एनसीपी चीफ शरद पवार  से कम नहीं थीमनमोहन सिंह ने पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर साधा निशाना मुंबई. एनसीपी (NCP) के कद्दावर नेता और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार  के करीबी गणेश नाईक जिस अंदाज़ में बीजेपी (BJP) में शामिल हुए वैसा नज़ारा शायद ही पहले कभी किसी नेता के पार्टी से प्रस्थान पर दिखा हो. किसी जलसे की तरह उन्होंने बीजेपी में एन्ट्री ली. लेकिन सिर्फ गणेश नाईक ही नहीं बल्कि नवी मुंबई मनपा के 48 वर्तमान और 70 पूर्व नगरसेवकों समेत एनसीपी की नवी मुंबई इकाई के सैकड़ों पदाधिकारी, हजारों सदस्य और कार्यकर्ता भी उनके साथ बीजेपी में शामिल हुए. इस जलसे को देखने के लिए हज़ारों लोगों की भीड़ जमा हुई थी. ये तक कहा गया कि गणेश नाईक ने न सिर्फ एनसीपी को छोड़ा बल्कि नवी मुंबई में एनसीपी को किसी लायक भी नहीं छोड़ा.राजनीतिक करियर की शुरुआत ,गणेश नाईक ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना से की. 1995 में वो शिवसेना-बीजेपी सरकार में मंत्री थे. लेकिन वो बाद में शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने अपनी एक अलग पार्टी बनाई लेकिन कामयाब नहीं हो सके. साल 1999 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद वो एनसीपी में शामिल हो गए.  कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला. करीब 15 साल तक वो कैबिनेट मंत्री रहे हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में गणेश नाईक को बीजेपी की मंदा म्हात्रे से हार का सामना करना पड़ा.गणेश नाईक का एकछत्र राज नवी मुंबई की महानगर पालिका पर उसके गठन के साथ गणेश नाईक का ही एकछत्र राज रहा है. पिछले 20 साल से नवी मुंबई में उनकी हैसियत एनसीपी चीफ शरद पवार से कम नहीं थी. उनके बेटे संजीव नाईक मात्र 23 साल की उम्र में नवी मुंबई के मेयर बने. संजीव नाईक साल 2009 में एनसीपी के टिकट पर थाणे से चुनाव जीते. बीजेपी में शामिल होना बड़ा झटकानाईक का बीजेपी में शामिल होना एनसीपी नेता शरद पवार के लिए बड़ा झटका है. पार्टी से लेकर मंत्रालय तक के तमाम बड़े फैसलों में गणेश नाईक की राय को तवज्जो दी जाती थी.  लेकिन 15 साल पुराने साथ को भुलाकर गणेश नाईक पूरे लाव-लश्कर के साथ बीजेपी में शामिल हो गए.बीजेपी ने नवी मुंबई की एरोली सीट से गणेश नाईक को टिकट दिया है. पहले इस सीट पर उनके बेटे संदीप नाईक को टिकट दिया गया था. लेकिन बाद में संदीप नाईक का टिकट काटकर गणेश नाईक को टिकट दिया गया है

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