
सत्यगाथा
- Hindi Samaachar
- Jul 13, 2018
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मंदिर - मंदिर घूमते , टोपी वाला भेष
घोल रहें वो देश मे , बोल बोल अब द्वेष
बोल बोल अब द्वेष , मिल रहें चोरी चोरी
पाक इन्हे अतिशय प्यारा एैसी लतखोरी
कह बृजेश कविराय ये जनमत से है बैर
मना लो बकरे की जरा ,मम्मी अपने खैर
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