बढ़ते जनाधार व रंजिश के कारण पार्टी से हटवाया गया - तुफैल फारुकी

भिवंडी ।। भिवंडी कांग्रेस पार्टी में हर चुनाव बाद घमासान होना तय माना जाता हैं.वही पर पार्टी पदाधिकारियो में एक दूसरे का टांग खींचना परम्परा बनती जा रही हैं.जिसके कारण शहर के पदाधिकारियो व कार्यकर्ता के बीच कांग्रेस पार्टी से मोह भंग होने लगा हैं.वही पर जिला शहर अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू तानाशाह के रुप में ‌पार्टी को शहर में चलाना चाहते हैं.इस प्रकार का आरोप भिवंडी कांग्रेस पार्टी से निष्कासित अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष तुफैल फारुकी ने लगाते हुए पत्रकार परिषद में कही हैं ।

गौरतलब हो भिवंडी कांग्रेस पार्टी जिला‌ अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू ने भिवंडी विधानसभा चुनाव में हार के जिम्मेदारी भिवंडी अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष तुफैल फारुकी पर लगाते हुए पार्टी हाई कमान तथा आल इडिंया अल्पसंख्यक विभाग चेयर मैन नदीम जावेद खान व महाराष्ट्र प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष एम.एम.शेख से शिकायत की थी. जिसको संज्ञान में लेते हुए पार्टी हाई कमान ने महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक विभाग एम.एम शेख ने तुफैल फारुकी को पद से मुक्त कर दिया हैं. 
    पत्रकार परिषद में तुफैल फारुकी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शहर अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू ने खुद अध्यक्ष रहते हुए लोक सभा चुनाव में ‌पार्टी उम्मीदवार पूर्व सांसद सुरेश टावरे के चुनाव में दिलचस्पी नहीं लेने के कारण सुरेश टावरे को दो बार हार का सामना करना पड़ा हैं. वही पर अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू ही वर्ष २०१४ में वर्तमान सांसद सुरेश टावरे का टिकट कटवाकर कुनबी सेना अध्यक्ष विश्वनाथ पाटिल को कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनाने में पुरजोर मदत की थी. किन्तु वर्ष २०१४ में भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.दोनों लोकसभा चुनावों में हार मिलने के बाद निष्ठावान पदाधिकारियो ने शहर जिला अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू के खिलाफ महाराष्ट्र प्रदेश हाई कमान से शिकायत की थी.किन्तु नाग के तरह कुंडली मार कर बैठे शोहेब खान गुडडू भिवंडी शहर में कांग्रेस पार्टी को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं ।
   
भिवंडी महानगर पालिका में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुत में जीत दर्ज की थी. किन्तु कांग्रेस पार्टी से जीते नगरसेवकों के, बगावत करने के डर से भिवंडी शहर अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू ने शिवसेना पार्टी के समर्थन से जावेद दलवी को महापौर बनाया था. जावेद दलवी के ढाई साल कार्यकाल में शहर की दुर्दशा तबेला से ज्यादा खराब होने के कारण शहर वासियो ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के दोनों उम्मीदवारों को नकार दिया. इसके साथ ही पिछले चुनावों के अपेक्षा कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत भी कम हुआ. शहर अध्यक्ष के तानाशाह रवैया व गुमराह नीति से अभी हाल में ही हुए महापौर चुनाव में १८ नगरसेवकों ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया. जिसके कारण कांग्रेस पार्टी का पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी मनपा के सत्ता से हाथ धोना पड़ा.भिवंडी शहर जिला अध्यक्ष शोहेब खान के कार्यकाल में लोकसभा व विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी दो दो बार हार चुकी हैं ।
     
भिवंडी शहर में अल्पसंख्यक समुदाय को एकत्रित कर कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियो ने हमें दी थी. जिसकी पूरी निष्ठा के साथ हम निर्वाह करते हुए कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया. अल्पसंख्यक समाज में बढ़ते जनाधार को देखते हुए रंजिश के तहत हमारी झूठी शिकायत कर हमें पार्टी के पद से बेमुक्त करवाया गया हैं ।

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