भदोही में एक ऐसा भी राजकुमार

*भदोही में एक 'राजकुमार' ऐसा भी*


भदोहीl सरकार भले ही दावा करे कि गरीबों के पास सरकारी योजनाओं को सीधा पहुंचाया जा रहा है लेकिन सरकार का यह दावा उसके ही नुमाइंदे  झुठलाने पर तुले है क्योंकि सच में जो गरीब है उसके पास सुविधा शुल्क देने को   रूपया नही है इसलिये उसे अपात्रों की श्रेणी में डा़ल देते है और उस गरीब को योजनाओं का लाभ नही मिल पाता हैl लेकिन कुछ मामले ईमानदारी भी बरतते जहां लगता है कि नौकरी का बाट लग जायेगाl कभी डाल़र नगरी से प्रसिद्ध भदोही जिला में कुछ ऐसे भी लोग है जिसे सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ तो छोडिये नाम के बारे में नही पता है जबकि अच्छी हैसियत वालों को कई योजनाओं का लाभ मिल जाता हैl एक मामला

जिले के डीघ ब्लाक के बेरासपुर का है जहां एक ऐसा राजकुमार है जो जाड़ा, गर्मी व बारिश में कमरा, बिल्डिंग या आवास में नही रहता बल्कि एक फटी प्लास्टिक, बोरी, कपड़ा और पेड़ के नीचे बांस की की टूटी खाट, सांप, बिच्छू, व आसपास घास फूंस वाले जगह पर राम भरोसे रह रहा है, बारिश के समय राजकुमार भीगे कपडों में अपने को छुपाकर रात व्यतीत करता है, हालांकि खाने के लिये वह स्वयं खाना बनाता है या कोई दे देता है तो खा लेता हैl राजकुमार को कभी को कोई विषैला जानवर काट सकता है, क्योंकि वह जहां रहता है वह जगह काफी गंदा हैl मालूम हो कि राजकुमार निषाद बेरासपुर के शुरेश निषाद का भाई है, और वह फटेहाल स्थिति में जीवन यापन कर रहा हैl

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट